लखनऊ (लाइवभारत24)। आज दो शख्सियत शहीद-ए-आजम भगत सिंह और सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह: भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पाकिस्तान के लायलपुर जिले में बंगा में हुआ था। अप्रैल 1919 में जब वे अपने परिवार के साथ अमृतसर के जलियांवाला बाग गए तो वहां के हत्याकांड ने उनमें क्रांति के बीज बो दिए। बचपन लाहौर में बीता। पढ़ने-लिखने के शौक की वजह से यूरोप के अलग-अलग देशों में हुई क्रांति से परिचय हुआ। किशोर वय में समाजवादी सोच जगी, और धीरे-धीरे कुछ संगठनों से जुड़ गए।1928 में लाहौर में साइमन कमीशन के खिलाफ जुलूस के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों के लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय की मौत हो गई। पंजाब में लाला जी का खासा प्रभाव था। उनकी मौत ने भगत सिंह को झकझोर दिया और उन्होंने साथियों शिवराम राजगुरु, सुखदेव ठाकुर और चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले जेपी सांडर्स को गोली मारी। फिर, ट्रेड डिस्प्यूट कानून के खिलाफ विरोध दर्शाने के लिए सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में ऐसे स्थान पर बम फेंका, जहां कोई नहीं था। 7 अक्टूबर 1930 को भगत सिंह को उनके साथियों के साथ सजा सुनाई गई। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ाया गया।
भारतरत्न लता मंगेशकर : भारतरत्न लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इन्दौर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती के घर हुआ। लता के पिता मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे जबकि मां गुजराती थीं। बचपन से ही लता को घर में गीत-संगीत और कला का माहौल मिला और वे उसी ओर आकर्षित हुईं। पांच वर्ष की उम्र से ही लता को उनके पिता संगीत का पाठ पढ़ाने लगे।
1942 में पिता की मौत के बाद लता पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। तब लता ने हिंदी-मराठी फिल्मों में अभिनय भी किया। मराठी फिल्मों में गाना भी शुरू किया। तब से शुरू हुआ सिलसिला कुछ साल पहले तक जारी रहा। उन्होंने 20 भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। 2001 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
इससे पहले पद्मभूषण (1969), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (1989) और पद्म विभूषण (1999) से पुरस्कृत किया गया। तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और आठ बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। मध्यप्रदेश सरकार ने लता मंगेशकर के नाम पर पुरस्कार भी स्थापित किया है।
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