टोक्यो (लाइवभारत24)। वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू का मेडल गोल्ड में बदल सकता है। सूत्रों के मुताबिक पहले नंबर पर रहीं चीनी एथलीट होउ जिहूई पर डोपिंग का शक है। एंटी डोपिंग एजेंसी ने होउ को सैंपल-B टेस्टिंग के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि उनका सैंपल-A क्लीन नहीं है।
चीनी एथलिट होउ जिहूई आज अपने देश लौटने वाली थीं, लेकिन उन्हें रुकने को कहा गया है। किसी भी समय उनका डोपिंग टेस्ट हो सकता है। ओलिंपिक्स के इतिहास में ऐसा पहले भी हो चुका है जब डोपिंग में फेल होने पर खिलाड़ी का पदक छीन लिया गया और दूसरे नंबर पर मौजूद खिलाड़ी को दे दिया गया। वहीं, मीराबाई भारत लौट चुकी हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया गया।
वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि अभी इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों के मुताबिक गोल्ड जीतने वाली चीन की होउ के A-सैंपल में संदेह होने की वजह से उन्हें अब B-सैंपल के लिए बुलाया गया है। अगर चीनी खिलाड़ी का B-सैंपल पॉजिटिव होता है, तब IOC और टोक्यो आयोजन समिति की ओर से इसकी घोषणा की जाएगी।
टोक्यो ओलिंपिक में मीरा ने भारत को पहला और अब तक का एकमात्र मेडल दिलाया है। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में कुल 202 किलोग्राम वजन उठाकर सिल्वर मेडल जीता। जबकि चीन की होउ जिहूई ने 210 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीता था। इंडोनेशिया की कैंटिका विंडी ने ब्रॉन्ज जीता।
ओलिंपिक में करीब 5000 एथलीटों का रैंडम डोपिंग टेस्ट किया जा रहा है। यह एक रुटीन प्रोसेस है। कुछ एथलीट्स के A-सैंपल में संदेह पाया गया है, इसमें होउ भी शामिल हैं। अगर वे डोपिंग टेस्ट में फेल होती हैं, तो मीराबाई भारत के लिए गोल्ड जीतने वाली पहली महिला एथलीट बन जाएंगी।