देहरादून (लाइवभारत24)। पिछले 3 दिन से जारी सियासी उठापटक के बाद उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए नए CM की नियुक्ति तक पद पर बने रहने को कहा है। अगले मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के नाम की चर्चा है। उन्हें सरकारी हेलिकॉप्टर से देहरादून बुलाया गया है। कल (बुधवार) सुबह 10 बजे पार्टी विधायक दल की बैठक में नए नेता का चुनाव होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रावत ने कहा, ‘मैं लंबे समय से राजनीति में काम कर रहा हूं। भाजपा ने जीवन का यह स्वर्णिम अवसर मुझे दिया। मैंने छोटे से गांव में जन्म लिया, पिताजी पूर्व सैनिक थे। कभी कल्पना भी नहीं की थी कि पार्टी मुझे इतना बड़ा सम्मान देगी। भाजपा में ही यह संभव था।’ हालांकि CM पद से हटाए जाने पर त्रिवेंद्र का दर्द भी सामने आया। जब उनसे अचानक इस्तीफे की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा, ‘इसका कारण जानने आपको दिल्ली जाना होगा। रावत ने कहा कि भाजपा ने छोटे से गांव के कार्यकर्ता को इतना बड़ा सम्मान दिया। 4 साल मुझे सेवा करने का मौका दिया। पार्टी ने सामूहिक रूप से फैसला लिया है कि मुझे अब किसी और को यह मौका देना चाहिए। मैं प्रदेशवासियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। 4 साल का मौका पार्टी नहीं देती, तो महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएं मैं नहीं ला सकता था। जो भी जिम्मेदारी लेगा, उन्हें मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं।
कांग्रेस ने कहा- इस्तीफे से साबित हुआ कि सरकार काम नहीं कर रही थी
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी मान लिया है कि मौजूदा सरकार कुछ कर नहीं सकी है। अब मैं राज्य की सत्ता में बदलाव देख रहा हूं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अब किसे लाएंगे, लेकिन 2022 में सत्ता में नहीं लौटेंगे।
इधर, पार्टी आलाकमान ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, महासचिव और राज्य के प्रभारी दुष्यंत गौतम को विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक बनाया है। दोनों आज शाम को ही देहरादून पहुंचेंगे। पार्टी ने शनिवार को भी इन्हीं दो नेताओं को ऑब्जर्वर बनाकर उत्तराखंड भेजा था। दोनों ने नाराज धड़े से बातचीत कर रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दी थी। राज्य में मंत्रियों और विधायकों के एक धड़े ने राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की मांग की थी।
पार्टी के नाराज गुट का कहना था कि अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री रहे तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यहां तक कि पार्टी सत्ता से बाहर भी हो सकती है। पार्टी पर्यवेक्षक के रूप में दुष्यंत कुमार गौतम और रमन सिंह ने देहरादून जाकर पार्टी विधायकों से बात की थी। दोनों रविवार को दिल्ली लौट आए और अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को दी थी।
राजनीतिक सरगर्मी के बीच CM रावत को भी पार्टी ने सोमवार को दिल्ली तलब कर लिया था। रावत राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण जाने वाले थे, लेकिन वे अपना दौरा रद्द कर दिल्ली पहुंचे। उन्होंने दोपहर में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस बीच, देर शाम तक नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के बीच महत्वपूर्ण बैठक चली। इसमें संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हुए।
रावत को फिर एक बार नड्डा ने रात 9:15 बजे अपने आवास पर बुलाया। इसके पहले खबर आई कि उत्तराखंड में पार्टी विधायक दल की एक बैठक मंगलवार को बुलाई गई है। यह बैठक देहरादून में सीएम हाउस में होने वाली है। अगले CM के लिए सतपाल महाराज, अनिल बलूनी, धन सिंह रावत और अजय भट्ट का नाम आगे चल रहा था।