नई दिल्ली (लाइवभारत24)। किसान आंदोलन को 2 महीने हो गए हैं। सरकार से 12 दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकलने के बाद किसान अब पूरी तरह 26 मार्च की ट्रैक्टर परेड की तैयारियों में जुटे हैं। किसान नेता कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि अब ट्रैक्टर परेड के बाद आगे की स्ट्रैटजी तय करेंगे। सरकार ने बुधवार को 11वें दौर की मीटिंग में किसानों को प्रपोजल दिया था कि कृषि कानून डेढ़ साल तक होल्ड किए जा सकते हैं, लेकिन किसान नहीं माने। उन्होंने शुक्रवार की मीटिंग में सरकार को अपना फैसला बताते हुए कहा कि कानून वापस होने चाहिए। सरकार ने भी कह दिया, ‘हमारे प्रपोजल पर आप फैसला नहीं ले सके। जब फैसला कर लें तो बता दीजिएगा, बात कर लेंगे। लेकिन, अब मीटिंग की कोई तारीख नहीं दे रहे।’ सरकार के प्रपोजल पर फिर से विचार करने के लिए किसान नेताओं ने शनिवार को मैराथन बैठकें कीं, लेकिन एक राय नहीं बन पाई। भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चंढूनी ने कहा, ‘आंदोलन की शुरुआत से ही हमारी मांग साफ है। हम तीनों कानूनों की वापसी चाहते हैं, इससे कम पर कोई समझौता नहीं करेंगे।’

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