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मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ की उल्लेखनीय उपलब्धि, कार टी-सेल थेरेपी से किया ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) का सफल इलाज

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कैंसर के इस नवीनतम इलाज को सफलतापूर्वक कर मेदांता हॉस्पिटल ने अत्याधुनिक इलाज के प्रमुख केंद्र होने का एक बार फिर प्रमाण दिया

लखनऊ (लाइवभारत24)। मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के कैंसर संस्था ने आधुनिक कार टी-सेल थेरेपी (काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर-टी सेल थेरेपी) का उपयोग कर एक ल्यूकेमिया मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया है। यह ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है व उत्तर भारत में कैंसर देखभाल में एक नए अध्याय की शुरुआत करती है। अस्पताल की विशेषज्ञ टीम और अत्याधुनिक तकनीक ने इस जटिल प्रक्रिया को बिना किसी जटिलता के पूरा किया।

कार टी-सेल थेरेपी एक एडवांस्ड कैंसर इलाज का तरीका है जिसमें मरीज की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली की शक्ति का उपयोग करके कैंसर का इलाज किया जात है। उपचार प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं, जिसमें मरीज के रक्त से टी-सेल्स (श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार) को निकालकर उन्हें प्रयोगशाला में जेनेटिक रूप से संशोधित किया जाता है ताकि उनकी सतह पर काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर्स (सी.ए.आर सेल, जिन्हे कार टी-सेल भी कहते हैं) का निर्माण हो सके। इन संशोधित टी-सेल्स को फिर से मरीज के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे वे कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर नष्ट कर सकें। यह प्रक्रिया विशेष रूप से ल्यूकेमिया और रक्त के अन्य कैंसर के इलाज में प्रभावी होती है।

मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने इस उपलब्धि पर अपना हर्ष व्यक्त करते हुए कहा, “मेदांता में कार टी-सेल थेरेपी से कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज हमारे लिए गर्व का विषय है। यह थेरेपी कैंसर उपचार में एक महत्वपूर्ण प्रगति है और इससे मेदांता को अपने मरीजों के लिए बेहतर और अधिक प्रभावी उपचार विकल्प प्रदान करने का अवसर मिला है। हम इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पूरी चिकित्सा टीम, प्रयोगशाला कर्मचारियों, और समर्थन कर्मियों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। उनकी प्रतिबद्धता, विशेषज्ञता और करुणा इस थेरेपी की सफलता में महत्वपूर्ण हैं। हम मरीज और उनके परिवार का भी तहे दिल से धन्यवाद करते हैं जिन्होंने पूरे उपचार प्रक्रिया में हम पर भरोसा बनाए रखा और सहयोग दिया।

मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के हैमैटो-ऑन्कोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉ. अंशुल गुप्ता ने कहा, “यह उपलब्धि हमारे हॉस्पिटल को अत्याधुनिक चिकित्सा उपचारों के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करती है और यह मेदांता के डॉक्टरों के लिए गर्व का विषय है। हम भविष्य में अपने मरीजों को दुनिया की सबसे नवीनतम और सर्वोत्तम कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए उत्साहित हैं। कार टी-सेल थेरेपी से इलाज के क्षेत्र में हमारी यात्रा अभी शुरू हुई है और हम आने वाले वर्षों में कई और सफलता की कहानियों की उम्मीद करते हैं। हम अन्य प्रकार के कैंसर और चिकित्सा स्थितियों के लिए इस उपचार का विस्तार करने के लिए कार टी-सेल थेरेपी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास जारी रखेंगे।“

इस थेरेपी से जिस ल्यूकेमिया के मरीज का इलाज मेदांता में किया गया, उन्होंने अपने कैंसर के इलाज के लिए सभी उपलब्ध पारंपरिक उपचार विकल्पों को अपनाया था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। इसलिए मेदांता मेडिकल टीम ने कार टी-सेल थेरेपी को एक संभावित जीवन-रक्षक विकल्प के रूप में चुना।

पूरी प्रक्रिया के दौरान मरीज के स्वास्थ्य की सावधानीपूर्वक निगरानी की गई ताकि उन्हें अधिकतम लाभ और न्यूनतम असुविधा हो। डॉ. गुप्ता ने बताया, “पूरी प्रक्रिया के दौरान हमें किसी भी अप्रत्याशित जटिलताओं या प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का सामना नहीं करना पड़ा, जो हमारी चिकित्सा टीम की दक्षता का प्रमाण है। कार टी-सेल थेरेपी कभी-कभी गंभीर दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकती है, लेकिन हमारी टीम की सावधानीपूर्वक योजना और क्रियान्वयन ने इस प्रक्रिया को बिना किसी समस्या के सफलतापूर्वक पूरा किया।”

इस सफल थेरेपी ने कई मरीजों के लिए, विशेष रूप से उनके लिए जिनपे पारंपरिक उपचार असफल हो चुके हैं, नई उम्मीद जगाई है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ को अत्याधुनिक चिकित्सा उपचारों के एक प्रमुख केंद्र के रूप में पुनः प्रमाणित करती है।

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