लखनऊ (लाइवभारत24)। क्रेडाई ने  प्रधानमंत्री और सभी सम्बन्धित मंत्रियों से आग्रह किया है कि वे सीमेंट और स्टील निर्माताओं द्वारा एकजुट हो कर बढ़ाई जा रही कीमतों की ओर ध्यान दें। क्रेडाई ने सरकार से महामारी के समय में निर्माण में काम आने वाली कच्ची सामग्री के कीमतों को नियंत्रित करने का आग्रह भी किया हैए क्योंकि मौजूदा वैश्विक महामारी कोविड.19 में भारतीय रीयल एस्टेट क्षेत्र सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्टीलए सीमेंट और अन्य कच्ची सामग्री के उत्पादक संघों के कारण इनकी कीमतों में अचानक और लगातार बढ़ोतरी हुई है। इससे रीयल एस्टेट डवलपर्स की निर्माण लागत में अपरिहार्य बढोतरी हो गई है और निर्माण पूरा करने में देरी होने की स्थितियंा बन गई हैं। कुछ मामलो में प्रोजेक्ट्स के रुकने के कारण घर खरीदने वाले बडे़ पैमाने पर प्रभावित हो रहे हैं। बिल्डर्स को अपने ग्राहकों को इस अतिरिक्त लागत के बारे में समझना बहुत मुश्किल हो रहा है। सीमेंट और स्टील की ऊंची कीमतें गम्भीर चिंता का विषय है और इंडस्ट्री लीडर्स तथा कई मंत्री इस  बारे में सार्वजनिक तौर पर चिंता भी जाहिर कर चुके हैं। माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री श्री वी के सिंह ने सितम्बर 2020 में उद्योग के एक कार्यक्रम में सीमेंट कम्पनियों को इस तरह एकजुट हो कर कीमतें बढाने के खिलाफ चेताया भी था। माननीय सड़क परिवहनए राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने भी स्टील और सीमेंट निर्माताओं को अनुचित रूप से बढ़ रही कीमतों के बारे में चेताया था और यह मुद्दा प्रधानमंत्री के समक्ष भी उठाया था। वैश्विक महामारी से रीयल एस्टेट उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है और अब इस पर कच्चे माल की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की मार पड़ रही है।क्रेडाई के चेयरमैन श्री जक्षय शाह ने कहाए ष्ष्रीयल एस्टेट सेक्टर बहुत कम मार्जिन पर काम कर रहा है। यहां बड़ी मात्रा में बिना बिका हुआ स्टॉक पड़ा है और दूसरी तरफ पैसा नहीं होने के कारण ढेरों प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। मांग नहीं बढ़ने के कारण डवलपर्स ने कीमतें नही बढ़ाई और प्रोजेक्ट्स को किफायती दरों पर बेच रहे हैं। भारतीय रीयल एस्टेट सेक्टर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है। यह ना सिर्फ 40 मिलियन लोगों को नौकरी देता हैए बल्कि केन्द्र सरकार की कई योजनाओं जैसे अफोर्डेबल हाउसिंगए 2022 तक सबके लिए आवास आदि में मुख्य साझेदार भी है तथा 250 से ज्यादा सहायक उद्योगों को सहायता करता है। लेकिन यह सेक्टर सरकार की ओर से विभिन्न मुद्दों पर सहयोग नहीं मिलने के कारण अपने आपको उपेक्षित महसूस करता है। तेजी से बढती सीमेंटए स्टील व अन्य कच्ची सामग्री की कीमतों को तुरंत नियंत्रित करने की जरूरत है और मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि तुरंत जरूरी कदम उठाए।ष्ष् इस वर्ष की शुरुआत से अब तक सीमेंट की कीमतें 23 प्रतिशत और स्टील की कीमतें 45 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ गई हैं। जनवरी 2020 में सीमेंट की कीमत ;50 किलो का बैगाद्ध 349 प्रति बैग था जो दिसम्बर 2020 में बढ कर 420.430 रूपए प्रति बैग हो गया। इसी तरह स्टील निर्माता भी स्टील की बढ़ती मांग का गलत फायदा उठा रहे हैं और हर माह कीमतें बढ़ा रहे है। इस वर्ष की शुरूआत में एक टन स्टील की कीमत 40 हजार रुपए थी जो दिसम्बर 2020 में बढ़कर 58 हजार रुपए हो गई है।

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