लखनऊ(लाइवभारत24)। लव जिहाद कानून पर 104 पूर्व IAS अफसरों ने आपत्ति जताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। पत्र लिखने वालों में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, विदेश सचिव निरूपमा राव और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार रहे टीकेए नायर जैसे कई बड़े पूर्व IAS अफसर शामिल हैं।

पत्र में पूर्व अफसरों ने लिखा है कि कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश है और उन्हें परेशान करने के लिए बनाया गया है। लव जिहाद का नाम राइट विंग विचारधारा रखने वालों ने दिया है। इसमें कथित तौर पर मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को बहलाकर शादी करते हैं और फिर उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हैं। ये केवल मनगढ़ंत कहानी है। यह एक तरफ का जघन्य अत्याचार है जो युवाओं के खिलाफ आपके प्रशासन ने किया है।  पूर्व अफसरों ने अपने पत्र में पिछले हफ्ते मुरादाबाद में हुई कथित घटना का जिक्र किया है। जिसमें बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर राशिद और सलीम नाम के शख्स को मारा-पीटा गया और बाद में एक पुराने मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसमें राशिद ने पिंकी नाम की लड़की से शादी की थी और वह उसके बच्चे की मां बनने वाली थी। आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की मारपीट में पिंकी का गर्भपात हो गया।

इसी तरह एक बिजनौर का मामला भी इसमें बताया गया है। इसमें एक अल्पसंख्यक लड़के पर जबरदस्ती 16 साल की हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया गया था। जिसे बाद में लड़की और उसकी मां दोनों ने इनकार कर दिया था।  पूर्व अफसरों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का भी हवाला दिया। जिसमें कहा गया है कि अगर लड़का और लड़की नाबालिग है और खुद की मर्जी से शादी कर रहे हैं, तो इसमें कहीं से भी कोई अपराध नहीं है। कोर्ट ने पिछले महीने एक ऑर्डर दिया था, जिसमें किसी के व्यक्तिगत रिश्तों में दखल देना स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है।

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