मुंबई (लाइवभारत24)। मशहूर ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। 98 साल के दिलीप साहब की ओर से फैजल फारूकी ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। उन्होंने लिखा है, “आपके प्यार, स्नेह और दुआओं के साथ दिलीप साहब अस्पताल से घर जा रहे हैं। डॉक्टर्स (नितिन) गोखले, (जलील) पारकर, डॉ. अरुण शाह और हिंदुजा हॉस्पिटल, खार की पूरी के जरिए अल्लाह का रहम रहा।”

दिलीप साहब बीते 5 दिनों से हिंदुजा हॉस्पिटल में भर्ती थे। उन्हें रविवार सुबह सांस लेने में तकलीफ होने के बाद वहां ले जाया गया था। उनके फेफड़ों में पानी भर गया था। इस स्थिति को बाइलिटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन कहा जाता है। भास्कर से बातचीत में हिंदुजा अस्पताल के डॉ. जलील पारकर ने कहा, ‘फेफड़ों में पानी भरना उम्र संबंधी दिक्कत थी।’
पिछले महीने भी दिलीप साहब इसी हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। तब भी यही कहा जा रहा था कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है और उस वक्त भी सायरा बानो ने आधिकारिक स्टेटमेंट जारी कर कहा था कि वे रुटीन चैकअप के लिए अस्पताल में एडमिट हुए थे। सभी चैकअप के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था।

पद्मभूषण, दादा साहब अवॉर्ड से सम्मानित

दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान है। उन्होंने ‘ज्वार भाटा’ (1944), ‘अंदाज’ (1949), ‘आन’ (1952), ‘देवदास’ (1955), ‘आजाद’ (1955), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960), ‘गंगा जमुना’ (1961), ‘क्रान्ति’ (1981), ‘कर्मा’ (1986) और ‘सौदागर’ (1991) समेत 50 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है।

बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें 8 बार बेस्ट एक्टर के तौर पर फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 2015 में सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म भूषण भी दिया था।

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