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विधानसभा उपचुनाव की तारीखों की घोषणा

भोपाल (लाइवभारत24)। चुनाव आयोग ने मंगलवार को 56 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। बिहार की एक लोकसभा सीट और मणिपुर की दो विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और उत्तरप्रदेश समेत 10 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होगा। वहीं, बिहार की एक लोकसभा सीट और मणिपुर की दो विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। सभी सीटों के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान नहीं किया गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि इन राज्यों में कुछ मुश्किलें हैं, इसलिए मौजूदा स्थिति में उपचुनाव नहीं करवाने का फैसला लिया गया।
मध्यप्रदेश 28
ग्वालियर, डबरा, बमोरी, सुरखी, सांची, सांवेर, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर पूर्व, भांडेर, करैरा, पोहरी, अशोकनगर, मुंगावली, अनूपपुर, हाटपिपल्या, बदनावर, सुवासरा, बड़ामलहरा, नेपानगर, मंधाता, जोरा, आगर, ब्यावरा
उत्तरप्रदेश 7
घाटमपुर (कानपुर), मल्हनी (जौनपुर), बुलंदशहर सदर, टूंडला (फिरोजाबाद), देवरिया सदर, बांगरमऊ (उन्नाव), नौगावां सादात (अमरोहा)। स्वार (रामपुर) सीट पर चुनाव नहीं हो रहा।
छत्तीसगढ़ 1 मरवाही
गुजरात 8 अबडासा, लिम्बड़ी, मोरबी, धारी, गधादा, करजान, डांंग, कपराड़ा
झारखंड 2 दुमका, बेरमो
कर्नाटक 2 सीरा, राजाराजेश्वरी नगर
हरियाणा 1 बरोड़ा
ओडिशा 2 बालासोर, तिरटोल
तेलंगाना 1 डुब्बक
नागालैंड 2 साउदर्न अंगामी, पुंगरो किफिरे
मणिपुर 2 लिलोंग, वांगजिंग तेंथा
मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव
मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर चुनाव होना है। मध्यप्रदेश के उपचुनावों में भाजपा अपनी सत्ता बचाने और कांग्रेस नेता कमलनाथ छह महीने पहले खोई सत्ता वापस पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख भी दांव पर लगी है, क्योंकि जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें 16 सीटें सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की है।

जिन 28 विधानसभा सीटों में से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था
28 सीटों में से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था। प्रदेश में 230 सदस्यीय राज्य विस में बहुमत के लिए 116 सीटें होना जरूरी हैं। अगर भाजपा उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो उसकी सरकार और स्थिर होगी। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की कोशिश है कि वह 20 या उससे ज्यादा सीटें जीत ले, जिससे की एक बार फिर प्रदेश में सत्ता पलट सकती है। इसलिये उपचुनाव के परिणामों में सभी की नजर है।

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