देहरादून (लाइव भारत 24)। उत्तराखंड में चमोली के तपोवन के हादसे का आज चौथा दिन है। NTPC की टनल में फंसे 39 वर्कर्स को बचाने की कोशिशें जारी हैं। करीब ढाई किलोमीटर लंबी इस टनल का ज्यादातर हिस्सा आपदा में आए मलबे से भरा पड़ा है। आर्मी, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें पूरी ताकत से रेस्क्यू में जुटी हुई हैं। बावजूद अब तक सिर्फ 120 मीटर हिस्से की सफाई हो सकी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से कहा जा रहा है कि 4 दिन से टनल में फंसे वर्कर्स के सामने हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाना) और गिरते ऑक्सीजन लेवल की समस्या हो सकती है।
उत्तराखंड में अब तक 32 के शव मिले
उत्तराखंड आपदा के बाद रेस्क्यू के तीसरे दिन यानी मंगलवार को 6 और शव मिले थे। अब तक 32 लोगों के शव मिल चुके हैं। सरकार के मुताबिक, हादसे के बाद 206 लोग लापता हो गए। इनमें से 174 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
जगह | कितने लोग लापता |
ऋृत्विक कंपनी | 21 |
ऋत्विक कंपनी की सहयोगी | 94 |
HCC कंपनी | 3 |
ओम मेटल | 21 |
तपोवन गांव | 2 |
रिंगी गांव | 2 |
ऋषिगंगा कंपनी | 55 |
करछो गांव | 2 |
रैणी गांव | 6 |
कुल | 206 |
इनमें से 32 लोगों के शव मिले हैं, जबकि 174 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में उत्तराखंड हादसे पर बताया रविवार को समुद्र तल से करीब 5600 मीटर की ऊंचाई पर 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का ग्लेशियर गिरा था। इससे धौलीगंगा और ऋषिगंगा में बाढ़ की स्थिति बन गई। साथ ही कहा कि उत्तराखंड सरकार के मुताबिक निचले इलाकों में अब बाढ़ का खतरा नहीं है, पानी का लेवल भी कम हो रहा है। ज्यादातर इलाकों में बिजली सप्लाई शुरू हो गई है। साथ ही बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) 5 डैमेज पुलों को रिपेयर कर रहा है।