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कोविन पोर्टल पर 18+ उम्र के लोगों का रजिस्ट्रेशन शुरू होते ही सर्वर क्रैश, बिना अपॉइंटमेंट नहीं लगेगी वैक्सीन

नई दिल्ली (लाइवभारत24)। 18 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन एक मई से शुरू होगा। इसके लिए 28 अप्रैल शाम 4 बजे से रजिस्ट्रेशन जैसे ही शुरू हुआ, कोविन का पोर्टल क्रैश कर दिया। इसी पोर्टल से रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हुई है। लोगों को आरोग्य सेतु और उमंग ऐप पर भी ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ा। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के CEO आर एस शर्मा ने कहा कि हमने रजिस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म पर एक दिन में लगभग 50 लाख लोगों का टेस्ट रजिस्ट्रेशन किया था। हो सकता है कि रजिस्ट्रेशन खुलने के बाद यह संख्या दोगुनी हो गई हो। हम इसके लिए तैयार हैं।
इससे पहले सरकार ने रजिस्ट्रेशन के लिए तारीख का ऐलान तो किया, लेकिन किस समय रजिस्ट्रेशन शुरू होगा? इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में लोगों ने 27 अप्रैल की रात 12 बजे के बाद से ही कोविन पोर्टल, आरोग्य सेतु या उमंग ऐप पर रजिस्ट्रेशन की कोशिशें शुरू कर दीं। प्रॉसेस शुरू न होने की स्थिति में लोग सोशल मीडिया पर शिकायत करते भी नजर आए। इसके बाद आरोग्य सेतु ऐप के जरिए सरकार ने स्थिति स्पष्ट की।

इसके मुताबिक, 18+ उम्र के वे लोग जो वैक्सीन लगवाना चाहते हैं, उनके लिए बुधवार को शाम 4 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। ऐसे लोगों को अपॉइंटमेंट भी प्राइवेट और राज्य सरकार के सेंटर्स की उपलब्धता के आधार पर ही मिलेगा। यानी राज्यों में एक मई को वैक्सीनेशन के लिए तैयार सेंटर्स के आधार पर ही लोगों को अपॉइंटमेंट दिया जाएगा।
आरोग्य सेतु के ट्विटर हैंडल के जरिए सुबह 7.50 बजे शाम 4 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होने का ऐलान किया गया। इसलिए काफी पहले से ही रजिस्ट्रेशन करने की कोशिश कर रहे लोगों ने सोशल मीडिया पर काफी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि सरकार को समय का ऐलान पहले ही करना चाहिए था। लोग 27 अप्रैल रात 12 बजे ही से रजिस्ट्रेशन ट्राई कर रहे थे।

कोविन के नाम पर चल रहे फेक लिंक
कोविन पर 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन के लिए https://selfregistration.sit.co-vin.in/ जैसे कुछ फेक लिंक भी चल रहे हैं। हालांकि, सरकार साफ कर चुकी है कि इसके लिए रजिस्ट्रेशन सिर्फ कोविन, आरोग्य सेतु और उमंग ऐप पर होंगे।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाईलेवल की बैठक में देश की 18+ आबादी को वैक्सीनेट करने का फैसला लिया गया। पर यह बहुत पेचीदा है। पॉलिसी के तहत कसौली की सेंट्रल ड्रग लैबोरेटरी से मंजूरी मिलने के बाद 50% डोज केंद्र के पास जाएंगे और बचे हुए डोज राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों में बंट जाएंगे।
केंद्र सरकार ने कोवीशील्ड के लिए सीरम इंस्टीट्यूट और कोवैक्सिन के लिए भारत बायोटेक से 150 रुपए प्रति डोज की कीमत चुकाने की डील की है। वहीं राज्यों के लिए कोवीशील्ड का एक डोज 400 रुपए का और कोवैक्सिन का एक डोज 600 रुपए का पड़ेगा। कंपनियों ने यह कीमत तय की है।
अब इसे लेकर कई सवाल है, जिनके जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। मसलन… केंद्र और राज्यों की सरकारों के लिए अलग-अलग कीमत क्यों? केंद्र खुद खरीदकर राज्यों को वैक्सीन डोज उपलब्ध क्यों नहीं करा रहा? राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों को मिलने वाले वैक्सीन डोज का बंटवारा कैसे होगा?
इस पर सियासत भी गरमा गई है। राजस्थान, झारखंड, पंजाब और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्रियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि केंद्र उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट से जब उन्होंने डोज मांगे तो जवाब मिला कि 15 मई से पहले यह संभव नहीं होगा।

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