लखनऊ (लाइवभारत24)। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए जनसंख्या का स्थिरीकरण अत्यन्त आवश्यक है।जनसंख्या का स्थिरीकरण करके ही समाज की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। किसी भी देश की जनसं या उसकी सकल प्रजनन दर पर निर्भर है। जनसं या वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जनसामान्य को जागरूक किया जाना आवश्यक है। श्री योगी शनिवार को अपने सरकारी आवास पर जनसं या स्थिरता पखवाड़े का शुभारंभ एवं कोविड 19 की जांच हेतु नवसृजित मण्डलीय बीएसएल 2 प्रयोगशालाओं के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बीएसएल .2 की 07 लैब का आज लोकार्पण किया जा रहा है। इस प्रकार प्रदेश के सभी मण्डलों में कोविड 19 की जांच के लिए टेस्टिंग लैब उपलब्ध हो गयी हैं। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में बीएसएल .2 व 3 लेवल की लैब्स बनाने की कार्यवाही युद्धस्तर पर हुई है। कोविड 19 की चुनौतियों के साथ साथ वेक्टर जनित बीमारियों के लिए भी यह समय अत्यन्त संवेदनशील है। इसके लिए आवश्यक है कि सतर्कता व स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में 03 दिनों का स्वच्छता का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने विश्व जनसं या दिवस के अवसर पर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यूपी देश की एक बड़ी जनसं या वाला राज्य है। लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से जनसं या को नियंत्रित करना आवश्यक है। देश की तुलना में उत्तर प्रदेश की प्रजनन दर अधिक है। सकल जनसं या घनत्व का प्रभाव मातृ एवं शिशु मृत्युदर से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में भारत की सकल प्रजनन दर 2,2 व उत्तर प्रदेश की 2,7 है। प्रत्येक नागरिक को यह समझने की आवश्यकता है कि जनसं या को नियंत्रित करके ही हम अपने बेहतर कल की कल्पना को साकार कर सकते हैं। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पिछले 03 वर्षों में बहुत से प्रयास किये गये हैं। जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना जिससे शिशु एवं मातृ मृत्युदर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। प्रदेश में शिशु मृत्युदर को नियंत्रित करने के लिए 1820 न्यू बॉर्न केयर कॉर्नर, 180 न्यू बॉर्न स्टेब्लाइजेशन यूनिट, 82 सिक न्यू बॉर्न यूनिट की स्थापना की गयी है। प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। 102 ए बुलेन्स की 2270 यूनिट प्रदेश में क्रियाशील हैं। मई 2020 तक 03 करोड़ 85 लाख लोग इस सेवा से लाभान्वित हुए। 108 स्वास्थ्य ए बुलेन्स सेवा की 2,200 यूनिट के माध्यम से मई 2020 तक 01 करोड़ 45 लाख लोगों को लाभ मिला है। प्रदेश में 242 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर टेलीमेडिसिन व 321 सामुदायिक केन्द्रों टेलीरेडियोलॉजी स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करायी गयी हैं। 53 जनपदों में 170 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित हैं, जिसके माध्यम से फरवरी 2020 तक 20 लाख 58 हजार से अधिक लोगों ने ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाया। नीति आयोग द्वारा प्रदेश के 08 जनपदों को आकांक्षात्मक जनपदों में रखा गया है। इन जनपदों में अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ साथ मातृ एवं शिशु मृत्युदर के संबंध में मासिक समीक्षा की जाती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 38 जनपद वेक्टर जनित रोगों से प्रभावित रहते थे। इंसेफेलाइटिस समेत कई ऐसी बीमारियां थी, जिनकी चपेट में आकर नवजात शिशु असमय काल कवलित हो जाते थे। उन्होंने कहा कि कोविड 19 के दृष्टिगत प्रधानमंत्री द्वारा सही समय पर सही फैसले लिए गए जिसका परिणाम है कि भारत एक बेहतर स्थिति में है। स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए हमें नये स्तर से प्रयास करने की जरूरत है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। जनसं या नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि लोगों को जागरूक किया जाए। अपर मु य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कोविड 19 महामारी के दृष्टिगतए इस वर्ष जनसं या वृद्धि पर नियंत्रण अथवा जनसं या स्थिरीकरण के लिए जनजागरूकता हेतु भारत सरकार की थीम आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जि मेदारी को लिया गया है। जनसं या स्थिरता पखवाड़ा 11 से 24 जुलाई 2020 तक संचालित किया जाएगा।

1 कमेंट

कोई जवाब दें

कृपया अपनी कमेंट दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें