नई दिल्ली। महाराष्ट्र सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली पहुंच गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को वे चुनाव आयोग जाएंगे और शिवसेना पर अपना दावा करेंगे। शिंदे दिल्ली पहुंचने के बाद गृहमंत्री अमित शाह से मिले। शिंदे गुट ने सोमवार को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग कर दी थी। महाराष्ट्र संकट पर CJI एनवी रमना की बेंच बुधवार को सुनवाई करेगी। इसमें शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर फैसला हो सकता है।
शिवसेना के 12 सांसदों को केंद्र सरकार की ओर से वाई प्लस की सुरक्षा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना के 19 में से 12 सांसद अलग गुट का दावा लोकसभा में पेश कर सकते हैं। ये सांसद मंगलवार को प्रधानमंत्री से भी मिल सकते हैं।
महाराष्ट्र संकट को लेकर अब सबकी नजर 20 जुलाई को होने वाली सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही शिवसेना की लड़ाई में नया मोड़ आएगा।
शिवसेना के 40 विधायक और 13 सांसद मूल पार्टी (उद्धव की शिवसेना) से अलग हो गए हैं। बागी गुट के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सांसदों और विधायकों की संख्या के आधार पर दावा किया है कि उनके पास दो तिहाई जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए असली शिवसेना अब उनकी वाली है। 21 जून को हुई कार्यकारणी की आखिरी बैठक को अगर आधार माना जाए तो उद्धव के पास कार्यकारिणी का बहुमत है, इसलिए विद्रोहियों के लिए यह मुश्किल में डालने वाला हो सकता है। इस बैठक में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को फिर से चुना गया था। सभी ने उद्धव ठाकरे को पार्टी के फैसले लेने का अधिकार दिया था। बैठक में यह भी तय किया गया कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल कोई और नहीं करेगा।

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