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उत्तर प्रदेश के  8 आकांक्षी जिलों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्यरक्षा सेवाओं के लिये पहला जिला-आधारित अभियान लॉन्च हुआ

नेशनल हेल्थ मिशन ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के एक मॉडल के अंतर्गत सेफ मदरहूड डिस्ट्रिक्ट वर्किंग ग्रुप्स (एसएमडीडब्ल्यूजी/SMDWGs ) के गठन का अनुमोदन किया

 लखनऊ (लाइवभारत24)।  राज्य में मातृत्व स्वास्थ्य के परिणामों को सुधारने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों के हिस्से के रूप में माननीय कैबिनेट एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने सेफ मदरहूड डिस्ट्रिक्ट वर्किंग ग्रुप्स की स्थापना के निर्देश दिये हैं। जपाईगो, फोगसी, एमएसडी फॉर मदर्स और पिरामल फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों के अंतर्गत अक्टूबर 2020 से शुरू यह जिला स्तरीय अभियान उत्तर प्रदेश के 8 आकांक्षी जिलों में निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्यरक्षा सुविधाओं में मातृत्व की गुणवत्तापूर्ण देखभाल को मानकीकृत करने पर केन्द्रित है और मार्च 2021 तक चलेगा। फोगसी की गुणवत्ता आश्वासन पहल मान्यता के अंतर्गत निजी सुविधाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा और पिरामल फाउंडेशन व्यापक और मूलभूत आपातकालीन प्रसूति एवं शिशु देखभाल (सी/बीईएमओएनसी) पर ‘लक्ष्य दक्षता ’ के लिये सरकारी सुविधाओं को प्रशिक्षित करेगा।

उत्तर प्रदेश के नेशनल हेल्थ मिशन के मिशन डायरेक्टर ने उत्तर प्रदेश के बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सोनभद्र, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली और चित्रकूट जिलों के चीफ मेडिकल ऑफिसर्स को एक आधिकारिक पत्र जारी किया है। इस पत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक सुविधाओं में देखभाल की गुणवत्ता को सुधारने के लिये सरकार ने प्रयास किये हैं, लेकिन प्राइवेट सेक्टर के साथ भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि बड़ी संख्या में प्रसूतियाँ प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों में हो रही हैं। इसलिये, राज्य में मातृत्व की गुणवत्तापूर्ण देखभाल को मानकीकृत करने के लक्ष्य से नेशनल हेल्थ मिशन प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों में गुणवत्ता विस्तार कार्यक्रम हेतु एक अनूठी सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिये सहमत हुआ है। इस भागीदारी के माध्यम से मान्यता के अंतर्गत 200 से ज्यादा अस्पतालों को प्रशिक्षित किया जाएगा और 1000 से ज्यादा प्रशिक्षित स्वास्थ्यरक्षा प्रदाता राज्य में हर साल लगभग 30000 सुरक्षित प्रसूतियों में योगदान देंगे। उत्तर प्रदेश का मौजूदा एमएमआर 197 है और वह मातृत्व के बेहतर परिणाम पाने के करीब आएगा। इस उपलब्धि पर फोगसी के सदस्यों- डॉ. चंद्रावती और डॉ. प्रीति कुमार ने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र में भारत के सबसे बड़े ओबीजीवायएन असोसिएशन के तौर पर हम भारत की राष्ट्रीय मातृत्व से जुड़ी प्राथमिकताओं के पूरक बनने का प्रयास कर रहे हैं। हमने मान्यता के प्रभाव को करीब से देखा है, खासकर गुणवत्तापूर्ण सेवा आपूर्ति में सुधार के दृष्टिकोण से, और इस नये डेवलपमेन्ट पर हमें बहुत गर्व है। हम उत्तर प्रदेश सरकार के बहुत आभारी हैं और डिस्ट्रिक्ट वर्किंग ग्रुप्स का हिस्सा बनने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’

फोगसी की सेफ मदरहूड कमिटी की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति ने आगे कहा, ‘‘ग्रुप का गठन एक संयुक्त प्रयास है, सभी एकजुट हुए हैं और कई मीटिंग्स के बाद अब हम अगले चरणों के लिये तैयार हैं। SMDWGs सरकार द्वारा चिन्हित आकांक्षी जिलों में सभी माताओं के लिये मातृत्व की गुणवत्तापूर्ण देखभाल की पहुँच सुधारने में मदद करेंगे।’’

फोगसी की पहल मान्यता चिकित्सकीय गुणवत्तापूर्ण देखभाल के 16 मानकों के आधार पर निजी सुविधाओं को प्रशिक्षित और प्रमाणित करती है। प्राइवेट सेक्टर के इस जाने-माने ओबीजीवायएन (OBGYN) ने इन मानकों की सावधानी से पहचान की है, जो नेशनल लेबर रूम प्रोटोकॉल्स के अनुसार हैं। इस पहल का लक्ष्य गंभीर स्थिति में जीवन बचाने वाली देखभाल के लिये जरूरी क्षमताओं को मजबूत करना और रेफरल से पहले जटिलताओं के प्रबंधन और नियंत्रण के लिये चिकित्सकीय प्रोटोकॉल्स का कठोर अनुपालन सुनिश्चित करना है।

एमएसडी फॉर मदर्स की इंडिया डायरेक्टर पोम्पी श्रीधर ने कहा, ‘‘एक एकीकृत स्वास्थ्यरक्षा प्रणाली निर्मित करने के लिये सुलभता एवं वहनीयता के बाद देखभाल की गुणवत्ता तीसरा स्तंभ है। हम गर्भावस्था और शिशु के जन्म को सभी महिलाओं के लिये स्वस्थ और सुरक्षित अनुभव बनाने के अपने लक्ष्य हेतु प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि मजबूत, तगड़ी और परिणामोन्मुख भागीदारियाँ सर्वोत्तम भूमिका निभाती हैं। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी परिमाण पाने और राज्य की सभी सार्वजनिक और निजी सुविधाओं में मातृत्व की देखभाल की गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने का अवसर देती है, ताकि मातृत्व देखभाल सेवाओं में बराबरी आए और दूसरे राज्यों के लिये उदाहरण बन सके।’’जॉन हॉपकिंस से मान्यता प्राप्त जपाईगो उत्तर प्रदेश में मान्यता के लिये गुणवत्ता सुधार के मॉड्यूल का नेतृत्व जारी रखेगा, जिससे जुड़े डॉ. दिनेश सिंह ने कहा, ‘‘इस भागीदारी के माध्यम से, साथ मिलकर हम नेशनल हेल्थ मिशन और ओबीजीवायएन(OBGYN) सोसायटियों के एक मजबूत नेटवर्क के जरिये राज्य के हर कोने में गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक पहुँच प्रदान करने के एक कदम और करीब आए हैं। सेफ मदरहूड डिस्ट्रिक्ट वर्किंग ग्रुप्स (एसएमडीडब्ल्यूजी/SMDWGs) के अंतर्गत प्रशिक्षण आसान और प्रभावी पद्धतियों और प्रक्रियाओं के निर्माण में मदद करेगा, जिससे गर्भावस्था के कारण होने वाली रोकथाम के योग्य मौतों को कम करने में मदद मिल सकती है और राज्य में हर माँ का अनुभव समृद्ध हो सकता है। हमें उम्मीद है कि इससे गुणवत्तापूर्ण देखभाल का एक आवेग बनेगा, जिसका अनुसरण दूसरे राज्य भी करेंगे।’’ इस अभियान की सफलता इन आकांक्षी जिलों में मातृत्व सम्बंधी स्वास्थ्य के बेहतर परिणाम देगी और राज्य में गुणवत्तापूर्ण और सम्मानजनक देखभाल का एक आंदोलन छिड़ सकता है।

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