नई दिल्ली। भारत और चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच लद्दाख में बने सैन्य गतिरोध को हल करने पर बुधवार को बातचीत हुई। घटनाक्रम से अवगत लोगों के मुताबिक, भारत ने वार्ता में सीमा पर यथास्थिति की बहाली और भारी संख्या में जमे चीनी सैनिकों को तुरंत हटाए जाने की मांग रखी। दोनों पक्षों के बीच वार्ता साढ़े चार घंटे से ज्यादा देर तक चली। जानकारों ने कहा कि मेजर जनरल स्तर की वार्ता सकारात्मक माहौल में हुई, जिसका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच तनाव में कमी लाना है। गतिरोध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने के लिए दोनों सेनाओं ने गलवान घाटी ओर हॉट स्प्रिंग के कुछ इलाकों में सीमित संख्या में अपने सैनिकों को एक दिन पहले ही पीछे हटा लिया था। चीनी सेना डेढ़ किलोमीटर तक पीछे हटी थी। हालांकि दोनों ओर के सैनिक पैंगोंग सो, दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक जैसे क्षेत्रों में अब भी आमने-सामने हैं। सैन्य तनाव दूर करने के लिए लेह स्थित 14 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिले डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के बीच भी छह जून को बातचीत हुई थी।पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा सड़क निर्माण का चीन का तीखा विरोध है। गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर चीन के विरोध को लेकर भी गतिरोध है। भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी किसी सीमावर्ती आधारभूत परियोजना को नहीं रोकेगा।दोनों देशों के सैनिक पांच और छह मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग क्षेत्र में आपस में भिड़ गए थे। पांच मई की शाम को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हुई यह हिंसा अगले दिन भी जारी रही। इसके बाद नौ मई को उत्तर सिक्किम सेक्टर में भी इस तरह की घटना हुई थी।चीन ने बुधवार को कहा कि छह जून को दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच बनी सकारात्मक सहमति को भारत और चीन ने लागू करना शुरू कर दिया है। दोनों पक्षों की सेना के पीछे हटने और अपने पूर्ववर्ती स्थिति में लौटने की खबर के बारे में पूछने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में यह प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। चुनयिंग ने कहा कि सीमा पर स्थिति के बारे में भारत और चीन के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर प्रभावी वार्ता हुई और सकारात्मक सहमति बनी है।

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