16.5 C
New York
Monday, 9th \ June 2025, 04:20:36 PM

Buy now

spot_img

दुनियाभर में सिखों के बड़े संगठन किसान आंदोलन के लिए आए आगे

नई दिल्ली (लाइव भारत 24)। दुनियाभर में सिखों के बड़े संगठन आंदोलन में मदद के लिए आगे आए हैं तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को देश के बाहर रह रहे सिख समुदाय के लोगों का भी समर्थन मिल रहा है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को देश के बाहर रह रहे सिख समुदाय के लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। कनाडा के वैंकूवर में तो किसानों के समर्थन में प्रदर्शन भी हुए हैं। यूरोप, अमेरिका, कनाडा और दुनिया के दूसरे हिस्सों में रह रहे लोग किसानों के समर्थन में एकजुट हो रहे हैं। वे आंदोलन के लिए आर्थिक मदद भेज रहे हैं। अमेरिका के डेनवर में रहने वाले किरनपाल सिंह सिद्धू ने किसानों के आंदोलन के लिए कई बार पैसे भेजे हैं। सिद्धू कहते हैं, ‘हमें मीडिया के जरिए किसानों के प्रदर्शन के बारे में पता चला है। अब मैं रोजाना कम से कम दो बार प्रदर्शन में शामिल लोगों से फोन पर बात करता हूं। कोलोराडो और डेनवर की सिख और इंडियन कम्यूनिटी हर तरह से आंदोलन में मदद करने की कोशिश कर रही है।’सिद्धु कहते हैं, ‘मैं अपने दोस्तों के जरिए कई बार पैसे भेज चुका है। आगे भी जरूरत पड़ेगी तो भेजूंगा। हमारा चाहे कितना भी खर्च हो जाए, हम पीछे नहीं हटेंगे। मैं खुद एक किसान का बेटा हूं और उनके दर्द को समझ रहा हूं।’एक नौजवान पंजाब के होशियारपुर से आंदोलन में शामिल होने दिल्ली आया है। उसका कहना है कि कनाडा में मेरे भाई रहते हैं। वे किसान आंदोलन को सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि बादाम-दूध पीते रहो और धरने पर डटे रहो, पैसों की चिंता न करना।’विदेश में रह रहे भारतीय मीडिया रिपोर्टों, सोशल मीडिया और अपने पारिवारिक दोस्तों के जरिए आंदोलन के बारे में जानकारियां ले रहे हैं। ब्रिटेन के लीड्स में रहने वाले जसप्रीत सिंह दफ्तर आते-जाते समय रास्ते में अपनी सोशल मीडिया फीड पर सिर्फ आंदोलन के बारे में ही पढ़ते हैं। जसप्रीत भारत आकर आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं लेकिन उनके घरवालों ने उन्हें मना किया हुआ है। किरनपाल सिद्धू कहते हैं, ‘इतना बड़ा प्रोटेस्ट दिल्ली में चल रहा है। हमें ये खुशी होती है कि इतने लोग इकट्ठे हुए हैं।
किरनपाल सिद्धू कहते हैं, ‘इतना बड़ा प्रोटेस्ट दिल्ली में चल रहा है। हमें ये खुशी होती है कि इतने लोग इकट्ठे हुए हैं।
जसप्रीत कहते हैं, ‘मेरे परिवार के लोग धरने पर बैठे हैं। मैं ब्रिटेन में बैठकर जब बुजुर्ग किसानों की तस्वीरें देखता हूं तो मन विचलित हो जाता है। किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन मीडिया के कुछ हिस्से में उनकी नकारात्मक तस्वीर पेश की जाती है। मैं बहुत चाहता हूं कि भारत आकर इस धरने में शामिल हो जाऊं।’जसप्रीत के मुताबिक, ब्रिटेन के सिख समुदाय के लोग भी आंदोलन के लिए पैसे भेज रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़े पोस्ट शेयर कर रहे हैं। विदेशों में रह रहे सिख समुदाय के लोग एनजीओ के जरिए पैसे भेजने के बजाए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के जरिए पैसे भेज रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल लुधियाना से आए एक किसान के मुताबिक उनके दोस्त ने कनाडा से बीस हजार रुपए भेजे हैं। वह कहते हैं, ‘मेरे दोस्त ने आंदोलन के लिए गुप्त दान किया है। वह अपना नाम जाहिर नहीं करना चाहता है।’ किरनपाल सिद्धू कहते हैं, ‘इतना बड़ा प्रोटेस्ट दिल्ली में चल रहा है। हमें ये खुशी होती है कि इतने लोग इकट्ठे हुए हैं। सिर्फ किसान ही इस धरने में शामिल नहीं है। हम यहां अमेरिका से हर तरह की सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं। अगर ये कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो हम अपने-अपने गांव गोद ले लेंगे और किसानों की मदद करेंगे।’हरियाणा से आए प्रदर्शनकारी अनूप चनौत के मुताबिक, अमेरिका और कनाडा में रह रहे उनके कई दोस्तों ने आंदोलन में मदद भेजने के लिए संपर्क किया है। चनौत कहते हैं, ‘विदेश में रह रहे हमारे साथी आंदोलन में हर तरह की मदद करने के लिए तैयार है। वो एकजुट होकर दोस्तों के जरिए पैसे भी भेज रहे हैं। कनाडा की आबादी में करीब 1.4 प्रतिशत सिख हैं और यहां की राजनीति में सिखों का खासा असर है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। इसे भी कनाडा में सिखों के प्रभाव के सबूत के तौर पर ही देखा जा रहा है। हरियाणा से आए प्रदर्शनकारी अनूप चनौत के मुताबिक, अमेरिका और कनाडा में रह रहे उनके कई दोस्तों ने आंदोलन में मदद भेजने के लिए संपर्क किया है
हरियाणा से आए प्रदर्शनकारी अनूप चनौत के मुताबिक, अमेरिका और कनाडा में रह रहे उनके कई दोस्तों ने आंदोलन में मदद भेजने के लिए संपर्क किया है
ट्रेक्टर2ट्विटर कैंपेन के जरिए भी लोग आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। इस कैंपेन में किसानों के मुद्दे पर सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। इस कैंपेन के जरिए विदेशों में रह रहे भारतीयों ने सोशल मीडिया पर ग्रुप भी बनाए हैं और वे एक-दूसरे से संपर्क कर रहे हैं।

इन ग्रुपों में किसानों को दिल्ली पहुंचने में हुई दिक्कतों पर चर्चा हो रही है। कैसे आंदोलन की आर्थिक मदद की जाए इस पर भी लोग बात कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया पर आंदोलन से जुड़े टॉपिक ट्रेंड कराने पर भी काम कर रहे हैं।वहीं दुनियाभर में सिखों के बड़े संगठन भी आंदोलन में मदद के लिए आगे आए हैं। कनाडा की वर्ल्ड सिख आर्गेनाइजेशन ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन के पूर्व अध्यक्ष जसकरण संधू ने एक बयान में कहा है, ‘कनाडा में रह रहे अधिकतर सिखों के पास पंजाब में जमीनें हैं या उनके परिवार वहां रहते हैं। इसी वजह से कृषि कानूनों से वो सीधे तौर पर प्रभावित महसूस करते हैं।’ कनाडा के ब्रैंपटन में गुरुवार को किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया गया। सड़क किनारों खड़े लोगों ने गाड़ियों से गुजर रहे लोगों से हॉर्न बजाने की अपील की। सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में लगातार बज रहे गाड़ियों के हॉर्न की आवाज सुनाई दे रही है जो बताती है कि किसानों का ये आंदोलन देश और विदेश में मजबूत हो रहा है।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी कमेंट दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Stay Connected

0फॉलोवरफॉलो करें
0सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!