नई दिल्ली/कोलकाता(लाइवभारत24)। ममता बनर्जी मंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए ममता ने कहा कि मैंने कोरोना के मुद्दे पर उनसे बात की। मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि बंगाल को दी जाने वाली वैक्सीन की संख्या बढ़ाई जाए। हमें आबादी के हिसाब से वैक्सीन मिले। बंगाल को आबादी के हिसाब से दूसरे राज्यों के मुकाबले बहुत कम वैक्सीन मिली हैं।

ममता से पूछा गया कि प्रधानमंत्री ने इसके जवाब में क्या कहा। इस पर उन्होंने कहा कि उनकी बात मैं अपने मुंह से कहूं, ये ठीक नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि वे इस मामले को जरूर देखेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं दो साल बाद दिल्ली आई हूं। चुनाव के बाद भेंट करना ही पड़ता है, इसलिए प्रधानमंत्री से मिलने गई थी। यह संविधान के मुताबिक प्रोटोकॉल है। मैंने इसका पालन किया है।

ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री को पेगासस जासूसी मामले पर ऑल पार्टी मीटिंग बुलानी चाहिए। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जाए। ममता बनर्जी 5 दिन के दिल्ली दौरे पर हैं।
ममता ने कहा कि कल सोनिया से चाय पर चर्चा करने जाएंगे। राष्ट्रपति ने परसों मिलने का टाइम दिया है। हमने डबल डोज ले लिया है, लेकिन उनका कहना है कि RTPCR टेस्ट करना होगा। हम कहां टेस्ट कराएंगे। हम तो दिल्ली में आउटसाइडर हैं।

बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के बाद ममता की प्रधानमंत्री से यह पहली मुलाकात थी। वे बुधवार को TMC सांसदों से मुलाकात करेंगी। इससे पहले बंगाल CM कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलीं। दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत चली। उन्होंने कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से भी मुलाकात की।
28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास तूफान से प्रभावित ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे। ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बैठक के बाद उन्होंने बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के कलाईकुंडा में दोपहर 2 बजे रिव्यू मीटिंग रखी थी। इसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ तो आए थे, लेकिन CM ममता बनर्जी की कुर्सी खाली रही थी। मोदी करीब 30 मिनट तक उनका इंतजार करते रहे थे। इसके बाद ममता आईं और तूफान से हुए नुकसान की प्राइमरी रिपोर्ट सौंपकर मीटिंग में शामिल हुए बिना निकल गईं। ममता शुभेंदु अधिकारी को समीक्षा बैठक में बुलाने पर नाराज थीं।
तृणमूल कांग्रेस के मुताबिक, ममता आज अभिषेक मनु सिंघवी समेत अन्य विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, ममता बुधवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिलने जा सकती हैं।
सोमवार को दिल्ली पहुंचने के बाद ममता की पहली मुलाकात पत्रकार विनीत नारायण से हुई, जिन्होंने 1996 में जैन हवाला घोटाले पर एक किताब लिखी है। हाल ही में ममता ने आरोप लगाया था कि बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ घोटाले के कथित लाभार्थियों में से एक थे। हालांकि, धनखड़ ने दावे का खंडन किया है।
TMC चीफ 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत करने के बाद पर ममता बनर्जी का यह पहला दिल्ली दौरा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ममता खुद को तीसरे मोर्चे के चेहरे के रूप में देखना चाहती हैं।
ममता के दिल्ली दौरे को राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। साथ ही माना जा रहा है कि ममता बंटे हुए विपक्ष को BJP के खिलाफ एकजुट करना चाहती हैं। हाल ही में हुए बंगाल चुनाव में BJP के खिलाफ तृणमूल की जीत को देखते हुए भी ममता के दिल्ली दौरे को लेकर चर्चाएं तेज हैं।
ममता ने पिछले हफ्ते बुधवार को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात समेत कई राज्यों में मेगा वर्चुअल रैली की थी। इस रैली से ममता ने जाहिर कर दिया है कि बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी नजर अब दिल्ली पर है।
ममता ने कहा था कि जब तक भाजपा पूरे देश से साफ नहीं हो जाती है, तब तक सभी राज्यों में खेला होगा।

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