लखनऊ (लाइवभारत24)। भारत को इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स का मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब बनाने के उद्देश्‍य से, दुनिया के प्रमुख मोबिलिटी प्‍लेटफॉर्म्‍स में से एक, ओला ने तमिलनाडु में अपनी पहली फैक्‍ट्री स्‍थापित करने में 2400 करोड़ रु. के निवेश के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता-पत्र पर हस्‍ताक्षर किया। फैक्‍ट्री पूरी तरह चालू हो जाने के बाद, इस फैक्‍ट्री से लगभग 10,000 नौकरियों का सृजन होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा स्‍कूल निर्माण संयंत्र होगा और इसकी आरंभिक वार्षिक निर्माण क्षमता लगभग 2 मिलियन यूनिट होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार, ओला की फैक्ट्री आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भविष्य के प्रमुख क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों, स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने, नौकरियों का सृजन करने के साथ-साथ देश की तकनीकी विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए भारत की आयात निर्भरता में कमी को प्रेरित करेगा। यह फैक्‍ट्री भारत के इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र को भी सक्रिय करेगी और भारत को इलेक्ट्रिक व्‍हीकल विनिर्माण क्षेत्र में एक प्रमुख देश के रूप में स्थापित करेगी। ओला का मानना है कि भारत अपने अद्वितीय कौशलट, मानव-बल और जनसांख्यिकी के साथ ईवीएस के अत्याधुनिक निर्माण का वैश्विक केंद्र बनेगा। ओला की फैक्ट्री न केवल भारत बल्कि यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका और दुनिया भर के बाजारों में ग्राहकों की जरूरतें पूरा करेगी। कंपनी आने वाले महीनों में अपनी बहुप्रतीक्षित इलेक्ट्रिक स्कूटर की पहली रेंज लॉन्च करने की तैयारी में है।

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