मुंबई (लाइवभारत24)। ओमिडयार नेटवर्क इंडिया (ओएनआई) ने आज बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के साथ भागीदारी में एक रिपोर्ट लॉन्च की है। इस रिपोर्ट का शीर्षक है, ‘’फाइव इयर्स ऑन: एन असेसमेंट ऑफ रेरा – द रोड अहेड फॉर अ स्ट्रॉन्गर ऑन-ग्राउंड रेजिम’’। यह रिपोर्ट 5 वर्ष पूर्व रेरा के व्यवस्थापन से अब तक निर्णायक रियल एस्टेट सेक्टर पर उसके प्रभाव का आकलन करती है। इस रिपोर्ट में आया है कि कानून ने दो घटकों के चलते खरीदारों में भरोसा पैदा किया है: एक है डेवलपर्स द्वारा मार्केटिंग, जो मुख्य रूप से मार्केटिंग के टूल के रूप में संपत्तियों के ‘रेरा रजिस्ट्रेशन’ के इस्तेमाल के कारण हुई, और दूसरा है वित्तीय पारदर्शिता, क्योंकि डेवलपर्स को उपभोक्ता द्वारा हर प्रोजेक्ट में दिये गये पेमेंट्स एक अलग एस्क्रो अकाउंट (निलंब लेखा) में रखना अनिवार्य है। हालांकि, इस सर्वे ने इस बात पर भी रोशनी डाली है कि कुल मिलाकर उपभोक्ता की जागरूकता उच्च स्तर की है, लेकिन कानून के विशेष प्रावधानों को अब भी अच्छी तरह से समझा नहीं गया है। सर्वे यह भी बताता है कि शिकायत निवारण प्रक्रिया के कार्यान्वयन में अब भी कई कमियाँ हैं।
300 से ज्यादा ग्राहकों, डेवलपर्स और विनियामक प्राधिकारियों के साथ गहन बातचीत के आधार पर यह रिपोर्ट इनमें से प्रत्येक साझीदार पर कानून के प्रभाव को प्रकाश में लाती है। यह रिपोर्ट कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर भारत के 5 राज्यों में रेरा के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है। यह पहलू हैं- ग्राहक जागरूकता एवं शिक्षा, पारदर्शिता, जवाबदेही, समय पर शिकायत निवारण और रियल एस्टेट सेक्टर में कुल मिलाकर भरोसा। यह रिपोर्ट जाँच करती है कि कानून ने माइक्रो (मकान मालिक) और मैक्रो (रियल एस्टेट सेक्टर) के स्तर पर पादर्शिता और क्षमता के अभाव की चुनौतियों पर काम किया है या नहीं।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक में इन साझीदारों के मतों के अनुसार, रेरा उपभोक्ता के लिये भरोसा और जवाबदेही बढ़ाने में प्रभावी रहा है:
रेरा की जानकारी रखने वाले 76% उपभोक्ता रेरा में ही पंजीकृत संपत्तियाँ खरीदना चाहते हैं
6 में से 5 उपभोक्ताओं ने रेरा के माध्यम से शिकायत का निवारण चाहा है
सर्वे किये गये 64% डेवलपर्स रेरा अथॉरिटी से बहुत संतुष्ट हैं
सभी योग्य परियोजनाओं में से 77% को रेरा के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है
सर्वे किये गये 55% डेवलपर्स रेरा के कारण ज्यादा आसानी से लोन पाने में समर्थ भी बने
हालांकि, रिपोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि रेरा के प्रावधानों पर समझ को मुख्यधारा में लाने, ज्यादा पारदर्शिता के माध्यम से साझीदार का भरोसा बढ़ाने और शिकायत निवारण प्रक्रिया को सुधारने के लिये बहुत काम किया जाना है: सर्वे किये गये 30% उपभोक्ता बतौर एक विनियामक, रेरा की भूमिका से अब भी अपरिचित थे
2 में से 1 (50%) उपभोक्ताओं को इस कानून के केवल दो फायदे ही पता थे- संबद्ध परियोजनाओं का अनिवार्य पंजीकरण और यह कि रेरा एक शिकायत निवारण फोरम है
सभी संभावित घर खरीदारों में से केवल 14% ने अपनी संबद्ध रेरा साइट को विजिट किया था और इन उपभोक्ताओं में से 24% ने कहा कि वे ऑनलाइन अनुभव से संतुष्ट हुए
इस बीच, सर्वे किये गये सभी डेवलपर्स में से 45% ने रेरा की वेबसाइट से असंतुष्टि जताई
शिकायत निवारण प्रक्रिया में संलग्न केवल 22% उपभोक्ता अनिश्चित समयसीमाओं के कारण संतुष्ट थे
रेरा अब 26 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू हो चुका है और यह डेटा राज्यों के रेरा और अन्य नीतिगत साझीदारों से उपभोक्ता को शिक्षित और जागरूक करने, प्रक्रियाओं को मुख्यधारा में लाने और राज्यों से अनुपालन कराने, नीतिगत स्तर के बदलावों का मूल्यांकन कर आगे बढ़ाने और इस प्रकार सेक्टर की वृद्धि और प्रोत्साहन को आसान बनाने का आग्रह करता है। संदर्भ के लिये इस रिपोर्ट का कार्यकारी सारांश यहाँ दिया जा रहा है। इस रिपोर्ट को श्री सुरेन्द्र बागडे, एडिशनल सेक्रेटरी (हाउसिंग), एमओएचयूए, भारत सरकार, शिल्पा कुमार, पार्टनर, ओमिडयार नेटवर्क इंडिया और नीतू वसंता, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं पार्टनर, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने रिलीज किया था। इसका वितरण प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग, मुख्य मंत्रियों, राज्य मंत्रालयों, रेरा के प्राधिकारियों और सचिवों के अलावा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के अन्य उच्चाधिकारियों को भी किया जाएगा।
इस रिपोर्ट के लॉन्च पर, ओमिडयार नेटवर्क इंडिया में पार्टनर शिल्पा कुमार ने कहा, ‘’एक औसत भारतीय परिवार की कुल संपत्ति का 75% रियल एस्टेट में होता है। इसे इस तथ्य से जोडि़ये कि भारत में 66% सिविल मामले भूमि और संपत्ति के विवाद वाले होते हैं और इसलिये यहाँ रेरा की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारी रिपोर्ट दिखाती है कि पिछले 5 वर्षों में, रेरा ने सही दिशा में बढ़ने की शुरूआत की है और वह रियल एस्टेट सेक्टर में उपभोक्ता का भरोसा बढ़ा रहा है। हालांकि, यह रिपोर्ट उपभोक्ता की बेहतर जागरूकता, रेरा की बेहतर वेबसाइट्स और इस सेक्टर में उपभोक्ता का भरोसा ज्यादा बढ़ाने के लिये उचित शिकायत निवारण की जरूरत को भी इंगित करती है। इससे परिवारों की बैलेंस शीट्स बेहतर हो सकती हैं और भारत के विकास की रेखा भी। इसके अलावा, यह रिपोर्ट दिखाती है कि अच्छा कानून अपने से जुड़े लोगों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।‘’ बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की मैनेजिंग डायरेक्टर एवं पार्टनर नीतू वसंता ने कहा, ‘’रेरा ने पिछले 5 वर्षों में रियल एस्टेट सेक्टर में उपभोक्ता का जो भरोसा निर्मित किया है, वह देखना सुखद है। हालांकि, अब भी ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने और ज्यादा पारदर्शिता तथा व्यवस्था में जवाबदेही लाकर इस सेक्टर की क्षमताओं को खोलने की जरूरत है। अच्छी तरह से निष्पादित रेरा निजी निवेशों को 5-7% तक और बढ़ा सकता है और इस सेक्टर और संबद्ध उद्योगों में 4-6 मिलियन अतिरिक्त रोजगार निर्मित करने की क्षमता रखता है।‘
रिपोर्ट के लॉन्च इवेंट में श्री सुरेन्द्र बागडे, एडिशनल सेक्रेटरी (हाउसिंग), एमओएचयूए, भारत सरकार, ने कहा, “देश की जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर का योगदान महत्वपूर्ण है। हम इस उद्योग को और भी प्रोत्साहन देकर इस सेक्टर को वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का बनाना चाहते हैं। घरों के खरीदारों और डेवलपर्स को समान रूप से भरोसा देने वाले नियमों से विनियमित होने पर रियल-एस्टेट उद्योग विकास की भारी क्षमता दिखाता है। हम जमीनी-स्तर की हकीकत का विस्तृत परिदृश्य प्रस्तुत करने और इस सेक्टर की अभी पूरी नहीं हुई संभावनाओं पर रोशनी डालने के लिये ओमिडयार नेटवर्क इंडिया और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा किये गये प्रयास की सराहना करते हैं। हमारा मानना है कि रेरा एक्ट, उसके प्रभाव और कमियों पर इस रिपोर्ट का समग्र विश्लेषण और व्यवहारिक अनुशंसाएं सभी संबद्ध साझीदारों के लिये प्रासंगिक होंगी। इस प्रकार वे ऐसे बदलाव को प्रेरित करेंगी, जो इस सेक्टर के विकास में तेजी लाएगा।”