भोपाल(लाइवभारत24)। एमपी में एक दिन पहले ही सरकार ने दावा किया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन पर्याप्त है और अगले ही दिन सोमवार को भोपाल में 5 लोगों की ऑक्सीजन न मिलने से मौत हो गई। भोपाल के 20 से ज्यादा अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर अफरा-तफरी मची रही। पहला मामला एमपी नगर के सिटी अस्पताल का है। वहां ऑक्सीजन की कमी के चलते एक दिन में चार मरीजों की मौत हो गई। मरने वालों में 30 साल के सौरभ गुप्ता, 35 साल के तुषार, 60 साल की उर्मिला जैन और आशा पटेल हैं। अस्पताल संचालक डॉक्टर सब्यसाची गुप्ता के मुताबिक उन्होंने कई जगह फोन लगाए, जब तक ऑक्सीजन जुटाई चार मरीजों की मौत हो गई।

दूसरा मामला करोंद के पीजीबीएम अस्पताल का है, जहां भर्ती एक महिला को ऑक्सीजन खत्म होने के कारण छुट्‌टी दे दी गई। बेटा एम्बुलेंस से उन्हें लेकर आरोग्य निधी अस्पताल पहुंचा, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। वहीं, हमीदिया के पास बने एविसेना अस्पताल में प्रबंधन ने ऑक्सीजन सपोर्ट वाले तीन कोविड मरीजों को यह कहकर छुट्‌टी दे दी कि यहां अब ऑक्सीजन नहीं है, कहीं और ले जाओ। आनन-फानन में परिजनों ने अपने-अपने मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया।
सोमवार को सप्लायरों ने अस्पतालों को अचानक बताया कि ऑक्सीजन की शॉर्टेज है और गोविंदपुरा के प्लांट पर अपनी एंबुलेंस सिलेंडर के साथ भेज दीं। चिरायु एयर प्रोडक्ट पर लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई आईनॉक्स से दोपहर में नहीं हो सकी। इसलिए उसने भी जंबो सिलेंडर लेने आए कई सप्लायरों को लौटा दिया। वहीं आईनॉक्स के पास लिक्विड ऑक्सीजन का टैंकर नहीं पहुंचने के चलते शहर में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा रहा।
शाम के पांच बजे थे। एविसेना अस्पताल में अचानक भगदगड़ मच गई। अस्पताल प्रबंधक ने डॉक्टर्स को बताया कि दो ही सिलेंडर बचे हैं। सप्लायर भारत ऑक्सीजन ने हाथ खड़े कर दिए हैं कि आज सिलेंडर नहीं दे पाएगा। प्रबंधक ने फटाफट लिस्ट देखी और एयरपोर्ट निवासी नसरीन, शहिदा बानो, अयुब की छुट्‌टी कर दी। अस्पताल के बाहर खड़े उनके परिजनों ने कहा कि इनको कहा ले जाएं? इस पर प्रबंधन ने कह दिया- यहां रखना मुश्किल है। ऑक्सीजन खत्म हो गई, जान भी जा सकती है।

नसरीन के रिश्तेदार उन्हें हमीदिया ले गए। एक घंटे यहां रुकने के बाद भी बेड नहीं मिला। फिर एलबीएस अस्पताल पहुंचे, जहां देर रात भर्ती किया गया। शाहिदा बानो के परिजन देर रात मानसी अस्पताल लेकर पहुंचे। उनकी उम्र 60 साल है। वहीं तीसरे मरीज अयुब को भर्ती किए जाने की प्रक्रिया चल रही थी।
एविसेना अस्पताल के मैनेजर फैसल जमाल के मुताबिक उनके यहां 17 मरीज भर्ती हैं। रोज 25 सिलेंडर लग रहे हैं, लेकिन आज आधे भी नहीं आए। मजबूरी में तीन मरीजों की छुट्‌टी करना पड़ी। इन मरीजों को पांच लीटर से कम ऑक्सीजन की जरूरत है। इसलिए इन्हें छुट्‌टी दी। ऑक्सीजन की कमी के बारे में ड्रग इंस्पेक्टरों को पत्र लिखा है।
आरोग्य निधि अस्पताल में अपनी मां को खोने वाले रामेश्वर ने बताया कि मेरे पिता का निधन शनिवार को हुआ था। मां सदमे में थी। तबीयत खराब होने पर उन्हें पीजीबीएम में भर्ती कराया। यहां शाम को डॉक्टर्स ने बताया कि सिर्फ 5 लीटर ऑक्सीजन बची है। इसलिए दूसरे अस्पताल ले जाओ। मैं एंबुलेंस करके मां को आरोग्य निधि अस्पताल ले गया। यहां पहुंचने के बाद ही मां का निधन हो गया।
इंदौर में रविवार रात भंवरकुआं क्षेत्र स्थित गुर्जर अस्पताल में मरीजों के परिजनों से कह दिया गया कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है। आप अपने मरीज को यहां से ले जाओ या फिर सिलेंडर ले आओ। ये सुनते ही मरीजों के परिजन जहां खाली सिलेंडर रखे थे, उसे लेने दौड़ गए। कई परिजनों में छीना-झपटी भी हुई। लोग रात में सिलेंडर कार, ऑटो में लेकर दौड़े। रात की अफरा-तफरी के बाद सुबह खबर आई कि 5 मरीजों की मौत हो गई है।
इस लापरवाही पर भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा, ‘शहर में कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने की शिकायतें मिली थीं। जहां-जहां शिकायतें थीं, उनको समय पर सिलेंडर भेजे गए। यदि किसी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है तो उसकी जांच कराएंगे।

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