दिस मोमेंट’ बना बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम, बांसुरी वादक राकेश चौरसिया को दो अवॉर्ड

लॉस एंजिल्स (लाइव भारत 24)। भारतीय गायक शंकर महादेवन और तबला वादक जाकिर हुसैन को ग्रैमी अवॉर्ड मिला है। दोनों लीजेंड्री कलाकारों के बैंड ‘शक्ति’ के एल्बम ‘दिस मोमेंट’ ने बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम की कैटेगरी में यह अवॉर्ड अपने नाम किया।

इस एल्बम में कुल 8 गाने हैं। इस बैंड में शंकर महादेवन, जॉन मैकलॉलिन, जाकिर हुसैन, वी सेल्वागणेश और गणेश राजगोपालन जैसे कलाकार साथ काम करते हैं। इस बैंड के अलावा बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने भी दो ग्रैमी अवॉर्ड अपने नाम किए हैं।

ग्रैमी अवॉर्ड का ये 66वां संस्करण है। ग्रैमी म्यूजिक की दुनिया में दिए जाने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड है। अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन लॉस एंजिल्स के क्रिप्टो.कॉम एरीना में हो रहा है। इवेंट में SZA, बिली एलिश, दुआ लिपा, ओप्रा विनफ्रे, मेरिल स्ट्रीप समेत कई बड़े कलाकार शामिल हुए।

फ्यूजन बैंड शक्ति ने 45 साल बाद अपना पहला एल्बम रिलीज किया, जिसे सीधे ग्रैमी अवार्ड मिला है। इंग्लिश गिटारिस्ट जॉन मैकलॉलिन ने 1973 में भारतीय वाॅयलिन प्लेयर एल. शंकर, तबला वादक जाकिर हुसैन और टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ फ्यूजन बैंड ‘शक्ति’ की शुरुआत की थी। हालांकि, 1977 के बाद ये बैंड बहुत एक्टिव नहीं रहा।

1997 में जॉन मैकलॉलिन ने फिर से इसी कॉन्सेप्ट पर ‘रिमेम्बर शक्ति’ नाम से बैंड बनाया और इसमें वी. सेल्वागणेश (टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के बेटे), मैंडोलिन प्लेयर यू. श्रीनिवास और शंकर महादेवन को शामिल किया। 2020 में ये बैंड फिर से साथ आया और ‘शक्ति’ के तौर पर इन्होने 46 साल बाद अपना पहला एल्बम ‘दिस मोमेंट’ रिलीज किया।

जाकिर हुसैन का यह तीसरा ग्रैमी
मशहूर भारतीय तबला वादक जाकिर हुसैन का यह तीसरा ग्रैमी अवॉर्ड है। इससे पहले उन्होंने एल्बम ‘प्लेनेट ड्रम्स’ के लिए टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ ग्रैमी जीता था। 2008 में उन्हें ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए भी ग्रैमी मिल चुका है। सोमवार को उन्होंने अपना तीसरा ग्रैमी अवॉर्ड अपने नाम किया है। इससे पहले ग्रैमी अवार्ड्स 2022 में भी भारत को दो जीत मिली थीं। तब पी.ए. दीपक, रिक्की केज और स्टीवर्ट कोपलैंड के ‘डिवाइन टाइड्स’ को ‘बेस्ट न्यू एज एल्बम’ कैटेगरी में जीत मिली थी।

क्या है ग्रैमी अवॉर्ड?
यह अवॉर्ड एक अमेरिकी ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से दिया जाता है। म्यूजिक इंडस्ट्री में शानदार काम के लिए ये अवॉर्ड दिया जाता है। इसका नाम एक ग्रामोफोन पर रखा गया है। संगीत की दुनिया के महारथियों को ग्रैमी अवॉर्ड दिया जाता है।

भारत में सबसे पहले किसे मिला?
देश के लिए मशहूर सितार वादक एवं संगीतकार स्वर्गीय पंडित रवि शंकर ने पहली बार 1968 में ग्रैमी अवार्ड अपने नाम किया था। उन्हें 5 बार इस अवॉर्ड से नवाजा गया, जिसके बाद ग्रैमी की तरफ से उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया। उनके अलावा जुबैन मेहता, गुलजार, जाकिर हुसैन, एआर रहमान जैसे कलाकारों को भी ग्रैमी मिल चुका है।

क्या है पूरा प्रोसेस?
ग्रैमी अवॉर्ड के लिए सबसे पहले किसी गाने या फिर रिकॉर्डिंग को सबमिट करना होता है। इसके बाद इनकी स्क्रीनिंग होती है। अलग-अलग क्षेत्रों के करीब 350 लोग बैठकर ये तय करते हैं कि वो गाना या रिकॉर्डिंग नॉमिनेशन के लायक है या नहीं। साथ ही इन्हें कैटेगरी के हिसाब से लगाया जाता है। इसके बाद ग्रैमी के मेंबर्स वोटिंग करते हैं। वोटिंग करने वाले लोग उस कैटेगरी में महारथ रखते हैं, जिसमें वो वोट डालते हैं। किसी एक कैटेगरी में सबसे ज्यादा वोट पाने वाला गाना या रिकॉर्डिंग अवॉर्ड जीतता है। टाई होने के मामले में दो या उससे अधिक लोगों को अवॉर्ड दिया जा सकता है।

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