कोलकाता/भुवनेश्वर (लाइवभारत24)। भारत के पूर्वी तटों पर यास तूफान ने बुधवार को दस्तक दी। बंगाल के जलपाईगुड़ी में दोपहर के वक्त पहुंचा और इसी दौरान 3.8 तीव्रता का भूकंप भी रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद यास ने ओडिशा पहुंचा, जहां भारी बारिश और तेज हवाएं चलने लगीं। इससे पहले 1 लाख लोगों को वहां से सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है।

करीब 140 किमी/घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के चलते पेड़ उखड़ गए और कुछ मकानों को नुकसान पहुंचा। बालासोर के तट पर समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। कई कॉलोनियों में पानी भर गया है। हालांकि, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि बिजली की सप्लाई को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।

अब यास की वजह से झारखंड और बिहार में भी भारी बारिश हो रही है। बंगाल और ओडिशा के अलावा बिहार, झारखंड, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी तूफान का असर है।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि तूफान के कारण मंदारमनी में केवल 1 व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। ममता के अनुसार बंगाल में कुल मिलाकर यह तूफान से लगभग 1 करोड़ से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।

बंगाल में विशेषकर पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा, शंकरपुर, मंदारमनी दक्षिण 24 परगना जिले के बाद बकखाली, संदेशखाली, सागर, फ्रेजरगंज, सुंदरबन आदि जगहों से लेकर पूरे बंगाल में 3 लाख लोगों के घर इस तूफान से उजड़ गए हैं। 134 बांध टूट गए हैं, जिन्हें ठीक करवाया जा रहा है। ममता 28 और 29 मई को हेलिकॉप्टर द्वारा तूफान प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी।
बेहद खतरनाक तूफान ‘यास’ के कारण झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में सुबह से बारिश हो रही है। कई जिलों में चेतावनी जारी की गई है। वहीं, पटना सहित बिहार के 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। ओडिशा के चांदीपुर और बालासोर, तो बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में तूफान सबसे ज्यादा प्रभावी है। बंगाल के दीघा और मंदार्मानी में होटलों और दुकानों में समुद्र का पानी भर गया है।
तट के किनारे खड़े होकर यास तूफान से समुंदर में उठ रही लहरों की फोटो खींचता युवक।
तट के किनारे खड़े होकर यास तूफान से समुंदर में उठ रही लहरों की फोटो खींचता युवक।

बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर के मंदारमनी में कन्हाई गिरि नामक युवक की तेज धार में बहने से मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति को दीघा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पूर्वी मेदिनीपुर में तैनात आर्मी की टीम ने पानी का लेवल बढ़ने पर फंसे 32 लोगों को रेस्क्यू कर बचाया।
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में सेना, NDRF और तटरक्षक दल के लोग बचाव अभियान में जुटे।
यास तूफान से प्रभावित हुए लोगों के लिए नौसेना का जहाज INS चिल्का में राहत सामग्री लेकर ओडिशा के खोरदा जिले पहुंचा।
तूफान से ओडिशा के चांदीपुर और अब्दुल कलाम आइलैंड पर DRDO की मिसाइल लॉन्चिंग साइट को नुकसान पहुंचने की आशंका है। लंबी दूरी की मिसाइल्स को यहीं से लॉन्च किया जाता है।
165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और 2 मीटर से 4.5 मीटर तक लहरें उठ सकती हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा और हुगली में भी तूफान का असर दिख रहा है।
कोलकाता में सेना के 9 बचाव दलों को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। इनके अलावा 17 दलों को पुरुलिया, झारग्राम, बीरभूम, बर्धमान, पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, नादिया के साथ 24 परगना उत्तर और दक्षिण में तैनात किया गया है।
ओडिशा के बासुदेवपुर में करीब 400 लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया।
बंगाल के नदिया, पश्चिमी मेदिनीपुर, पुरुलिया, पश्चिमी बर्धमान, झारग्राम, पुरुलिया, बांकुरा, बीरभूम, हावड़ा, कोलकाता पोर्ट, दक्षिण 24 परगना, पूर्वी कोलकाता, सेंट्रल मेदिनीपुर, पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिणी कोलकाता, हुगली, बेहला (कोलकाता) में एक-एक टीम तैनात है। वही, ओडिशा के बालासोर में तीन टीमें और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की तैनाती की गई है।
एयरफोर्स और नेवी ने भी अपने कुछ हेलिकॉप्टर और नावें राहत कार्य के लिए रिजर्व रखी हैं। तूफान को लेकर ओडिशा के 6 जिले हाई रिस्क जोन घोषित किए गए हैं। इनमें बालासोर, भद्रक, केंद्रपारा, जगतसिंघपुर, मयूरभंज और केओनझार शामिल हैं।
अलर्ट के बाद कोलकाता एयरपोर्ट पर बुधवार सुबह 8:30 बजे से शाम 7:45 बजे तक ऑपरेशन बंद रखने का फैसला किया गया है। साथ ही भारतीय रेलवे ने दक्षिण से कोलकाता के लिए 38 रूट पर चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को 29 मई तक के लिए रद्द कर दिया है। ईस्टर्न रेलवे ने भी मालदा-बालुरघाट पैसेंजर ट्रेन 26 और 27 मई के लिए रद्द कर दी हैं। तूफान की तेजी को देखते हुए रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को पटरियों के साथ लोहे की जंजीरों से बांधा जा रहा है, ताकि कोई दुर्घटना न हो सके।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि 11.2 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। तूफान के असर से हालिशहर में 40 हजार से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है। इस दौरान 4-5 लोग घायल भी हुए। छुछुरा में भी करीब इतने ही घर क्षतिग्रस्त हुए, जबकि पंदुआ में बिजली गिरने से 2 लोगों की मौत हुई। राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ कोलकाता के अलीपुर स्थित मौसम विभाग के ऑफिस पहुंचे। यहां उन्होंने चक्रवात से निपटने के लिए मौजूद संसाधनों का जायजा लिया।

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