नई दिल्ली(लाइवभारत24)। देश में कोरोना माहमारी के दौरान ट्रेनों की संख्या में कटौती के बाद अब पहले से अधिक ट्रेनें धीरे-धीरे पटरी पर दौड़ने को तैयार हैं। भारतीय रेलवे आज यानी शनिवार से 80 नई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू कर रहा है, जिसकी बुकिंग दस सितंबर से ही जारी है। आज से 40 जोड़ी ट्रेनें देश के अलग-अलग हिस्सों में पटरियों पर दौड़ेंगी। बता दें कि इस समय करीब 230 विशेष गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है।
आज से 80 नई विशेष ट्रेनें या 40 जोड़ी ट्रेनें शुरू हो रही हैं। इसके लिए आरक्षण 10 सितंबर से आरंभ हो गया। ये ट्रेनें पहले से ही चल रही 230 ट्रेनों के अतिरिक्त होंगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेलवे वर्तमान में संचालित सभी ट्रेनों की निगरानी कर पता लगाएगा कि किन ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची लंबी है ।
सूचना के मुताबिक, फिलाहल 30 राजधानी टाइप और 200 स्पेशल मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। आज से चलने जा रहीं ये 80 ट्रेनें इनके अतिरिक्त हैं। कोरोना लॉकडाउन के बाद नियमित ट्रेन संचालन बंद करने के बाद अब रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों को पटरियों पर ला रहा है।

पैसेंजर्स इन स्पेशल ट्रेनों में रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या फिर इंडिनय रेलवे के ऐप्प (आईआरसीटीसी ) से टिकट बुक करा सकते हैं।
– टिकट बुक करने के लिए www.irctc.co.in पर लॉगइन करें या आईआरसीटीसी ऐप डाउनलोड करें।
– लॉगइन करने के बाद आप इन विशेष ट्रेनों की उपलब्धता देख सकते हैं और इसके बाद ई-भुगतान के माध्यम से टिकट बुक कर सकते हैं। आपको एक एसएमएस भी प्राप्त होगा।
– इन ट्रेनों के ठहराव को संबंधित राज्य सरकारों के साथ परामर्श के बाद विनियमित किया जाएगा।
– वर्तमान में रेलवे 30 विशेष राजधानी प्रकार की ट्रेनें चला रहा है, जो मई से शुरू हुई थीं
– 1 जून से रेलवे 200 विशेष मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चला रहा है।
– जैसे-जैसे राष्ट्रीय स्तर की कई परीक्षाएं हो रही हैं, रेलवे मांग के अनुसार और विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।
– ऐसा कहा गया है कि अगर वेटिंग लिस्ट की संख्या बहुत ज्यादा है तो रेलवे प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को समायोजित करने के लिए क्लोन ट्रेन चलाएगा।
– 80 नई विशेष ट्रेन को लॉकडाउन के चौथे चरण में महामारी की दोहरी मार झेल रहे प्रवासी श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए पेश किया जा रहा है
– अपनी सीमित सेवा के कारण भारतीय रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में लगभग 40,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है।

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