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सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी करार दिया

 चीफ जस्टिस एसए बोबडे और 4 पूर्व सीजेआई के खिलाफ प्रशांत ने ट्वीट किए थे

नई दिल्ली (लाइवभारत24)। अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया है। प्रशांत ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे और 4 पूर्व सीजेआई के खिलाफ ट्वीट किए थे। अब सजा पर 20 अगस्त को बहस होगी। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने प्रशांत भूषण के ट्वीट्स पर फैसला सुनाया। बेंच ने कहा कि कंटेम्नर (अवमानना करने वाला) के खिलाफ जो आरोप हैं, वे गंभीर हैं। कोर्ट ने इस मामले को खुद नोटिस में लिया था।

प्रशांत भूषण के इन 2 ट्वीट को अवमानना माना

पहला ट्वीट: 27 जून- जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया। इसमें वे (इतिहासकार) सुप्रीम कोर्ट खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाएंगे।
दूसरा ट्वीट: 29 जून- इसमें वरिष्ठ वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की। सीजेआई बोबडे की आलोचना करते हुए लिखा कि उन्होंने कोरोना दौर में अदालतों को बंद रखने का आदेश दिया था।
शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में पिछले महीने ट्विटर से भी पूछा था कि अवमानना की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी ट्वीट डिलीट क्यों नहीं किए गए? इस पर ट्विटर की ओर से पेश हुए वकील साजन पोवैया ने कहा, ‘‘कोर्ट आदेश जारी करे तो ट्वीट डिलीट किया जा सकता है। वह (कंपनी) खुद से कोई ट्वीट डिलीट नहीं कर सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में तीन लोगों को अवमानना मामले में 3 महीने की जेल की सजा सुनाई थी। इन लोगों ने कोर्ट के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। जिन लोगों को सजा सुनाई गई थी, उनमें महाराष्ट्र एंड गोवा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुर्ले, इंडियन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलेश ओझा और एनजीओ ह्यूमन राइट्स सिक्योरिटी काउंसिल राशिद खान पठान थे। प्रशांत भूषण को नवंबर 2009 में भी सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस दिया था।

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