नई दिल्ली (लाइवभारत24)। देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट घराने रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह में अब भविष्य के उत्तराधिकारी को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। खबर है कि कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी फैमिली काउंसिल बनाकर आनेवाले समय में अपने बच्चों के लिए सब कुछ स्पष्ट रखना चाहते हैं। अंबानी इस काउंसिल में जिन लोगों को उत्तराधिकारी बनाएंगे उसमें उनके तीनों बच्चों आकाश, अनंत और ईशा अंबानी होंगी। इसी में एक बाहरी व्यक्ति भी होगा जो मेंटर और सलाहकार के रूप में काम करेगा। देश के कॉर्पोरेट घरानों में यह इस तरह का हाल में पहला मामला है जहां पहले ही सब कुछ तय किया जा रहा है। मुकेश अंबानी की इस योजना के पीछे दरअसल वह कारण है जो उन्होंने कंपनी की स्थापना करनेवाले धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद देखा था। उनके निधन के बाद मुकेश और अनिल अंबानी का विवाद पूरी दुनिया ने देखा और दोनों भाई अलग हो गए। इसलिए मुकेश अंबानी उस तरह की स्थितियों को किनारे कर पहले ही सब कुछ तय कर देना चाहते हैं। 63 वर्षीय अंबानी दुनिया के चौथे सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं। उनकी संपत्ति 80 अरब डॉलर से ज्यादा है। इस योजना के पीछे आसानी से कारोबार को चलाने का उद्देश्य है। इस तरह उनका कारोबार हमेशा की तरह बिना किसी पारिवारिक झंझट के चलता रहेगा। मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया है कि अंबानी यह फैसला इसलिए लेने का विचार कर रहे हैं ताकि रिलायंस के बिजनेस अंपायर के लिए उत्तराधिकारी तय किया जा सके। इस काउंसिल में परिवार के सभी सदस्यों को बराबर की हिस्सेदारी मिलेगी। इसमें अंबानी के बेटे आकाश अंबानी, अनंत अंबानी और बेटी ईशा अंबानी भी शामिल होंगी। खबर के मुताबिक, काउंसिल में परिवार के बाहर का भी एक सदस्य शामिल होगा। जो कि मेंटर और सलाहकार का काम करेगा। हालांकि, अभी इस पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

मुकेश और अनिल में हो चुका है विरासत को लेकर विवाद

गौरतलब है कि भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में एक धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद उनके दोनों बेटों में कारोबार के बंटवारे को लेकर बहुत संघर्ष चला था। मुकेश अंबानी और उनके भाई अनिल अंबानी के बीच रिलायंस की विरासत को लेकर काफी लंबे समय तक विवाद चला था। हालत ऐसी हो गई थी कि दोनों भाइयों में बोलचाल तक बंद हो गई थी। मुकेश अंबानी नहीं चाहते हैं कि भविष्य में उनके बच्चों के साथ वो हो जो कि उनके साथ हो चुका है। मुकेश अंबानी 1981 और अनिल अंबानी 1983 में रिलायंस से जुड़े थे। जुलाई 2002 में धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन बने। अनिल मैनेजिंग डायरेक्टर बने। नवंबर 2004 में पहली बार मुकेश और अनिल का झगड़ा सामने आया। जून 2005 में दोनों के बीच बंटवारा हुआ था। लेकिन, किस भाई को कौन सी कंपनी मिलेगी? इसका बंटवारा 2006 तक हो पाया था।  परिवार में चल रहे इस विवाद से धीरूभाई अंबानी की पत्नी कोकिलाबेन परेशान थीं। कोकिलाबेन चाहती थीं कि किसी तरह दोनों भाइयों में समझौता हो जाए। बाद में कोकिला बेन ने कंपनी को दो हिस्सों में बांट कर दोनों बेटों को दे दिया। बंटवारे के बाद मुकेश अंबानी के हिस्से में पेट्रोकेमिकल के कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन पेट्रो केमिकल्स कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जैसी कंपनियां आईं। तो छोटे भाई ने अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप बनाया। इसमें आरकॉम, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी, रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेस जैसी कंपनियां थीं। दोनों भाइयों के बीच विवाद करीब 4 सालों तक चलता रहा था।

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