नई दिल्ली (लाइवभारत24)। ICMR ने मंगलवार को 21 राज्यों के 70 जिलों में जून-जुलाई महीने में किए गए चौथे सीरो-सर्वे की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक देश की 67% आबादी में एंटीबॉडी डेवलप हुई है। यानी ये आबादी संक्रमित हो चुकी है और वायरस को बेअसर करने के लिए इन लोगों के शरीर में जरूरी एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है।
अच्छी बात ये है कि इनमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। इसके साथ ही स्कूल खोले जाने के सवाल पर ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि स्कूल खोले जा सकते हैं, क्योंकि छोटे बच्चों में एडल्ट की तुलना में संक्रमण का खतरा कम है।

उन्होंने बताया कि यूरोप के कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद भी स्कूल खोले गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शुरुआती दौर में प्राइमरी स्कूल खोलने चाहिए, इसके बाद सेकेंड्री स्कूल खोले जा सकते हैं।
डॉ. भार्गव ने बताया कि एडल्ट्स की तुलना में छोटे बच्चे वायरस को बहुत आसानी से हैंडल करते हैं। छोटे बच्चों के लंग्स में वे रिसेप्टर्स कम होते हैं, जहां वायरस अटैक करता है। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि अगर स्कूल खोले जाते हैं तो टीचर से लेकर सभी सपोर्ट स्टाफ पूरी तरह वैक्सीनेटेड होने चाहिए। साथ ही कोरोना के नियमों का पूरी तरह पालन होना चाहिए।

हालांकि यह फैसला जिला और राज्य स्तर पर लिया जाएगा। यह कई फैक्टर पर निर्भर होगा। स्कूल से जुड़े सभी लोगों को वैक्सीन लगाना सुनिश्चत करना होगा, वहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट क्या है और पब्किल हेल्थ सिचुएशन क्या है, इसपर भी ध्यान देना होगा।
डॉ. बलराम भार्गव ने सर्वे के नतीजे जारी करते हुए बताया कि देश की दो-तिहाई आबादी में कोविड एंटीबॉडी मिली है और अभी भी 40 करोड़ आबादी पर कोरोना का खतरा है। सर्वे में शामिल 6 से 17 साल के आधे से ज्यादा बच्चों में भी एंटीबॉडी पाई गई है। इसका मतलब हुआ कि दूसरी लहर में संक्रमण ने बच्चों को भी प्रभावित किया है।
डॉ. भार्गव ने कहा, ‘चौथे सीरो सर्वे में 6 से 17 साल के 28,975 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें 6 से 9 साल के 2,892 बच्चे, 10 से 17 साल के 5,799 बच्चे और 18 साल से ऊपर के 20,284 लोग शामिल हैं। 18 साल से ऊपर वालों में से 62% लोगों ने वैक्सीन नहीं ली थी, जबकि 24% लोगों ने एक डोज और 14% लोगों ने दोनों डोज ली थी।’
भार्गव ने बताया कि 85% हेल्थ केयर वर्कर कोविड के शिकार हो चुके हैं। देश में कोरोना के मामले घटने और वैक्सीनेशन के बावजूद उन्होंने अब भी लोगों को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को अपनाने को कहा है। गैर-जरूरी यात्रा करने से बचने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि वही लोग यात्रा करें, जो वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं।
सर्वे में शामिल 12,607 लोग ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। 5,038 ऐसे थे, जिन्हें एक डोज लगी थी और 2,631 को दोनों डोज लग चुकी थी। सर्वे में दोनों डोज लेने वाले 89.8% में एंटीबॉडी पाई गई। वहीं, एक डोज लेने वाले 81% में एंटीबॉडी मिली। जबकि जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी, ऐसे 62.3% लोगों में ही एंटीबॉडी मिली।

सर्वे की 4 बड़ी बातें

1. 6 से 9 साल के 57.2% और 10 से 17 साल के 61.6% बच्चों में एंटीबॉडी मिली।

2. 18 से 44 साल के 66.7%, 45 से 60 साल के 77.6%, 60 साल से ऊपर के 76.7% में एंटीबॉडी मिली।

3. 69.2% महिलाओं और 65.8% पुरुषों में कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी मिली।

4. शहरी इलाकों में रहने वाले 69.6% और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 66.7% में एंटीबॉडी मौजूद।

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