नारायणपुर (लाइवभारत24)। मंगलवार को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने DRG जवानों से भरी बस में ब्लास्ट कर दिया। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए, जबकि 14 घायल बताए जा रहे हैं। ब्लास्ट के दौरान बस में 24 जवान सवार थे। सूचना मिलते ही बैकअप फोर्स को मौके पर रवाना कर दिया गया। सभी जवान एक ऑपरेशन में शामिल होने के बाद लौट रहे थे। छत्तीसगढ़ के DGP डीएम अवस्थी ने घटना की पुष्टि की है।
बस्तर के IG पी.सुंदरराज ने बताया कि नारायणपुर में नक्सल विरोधी अभियान के बाद DRG फोर्स वापस लौट रही थी। उसी दौरान एक IED ब्लास्ट में बस के ड्राइवर समेत 5 जवान शहीद हो गए। इस घटना में दो जवान गंभीर रूप से घायल थे, जिसमें से एक की अस्पताल में मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल एक जवान का इलाज जारी है। घटना में 12 और जवानों को सामान्य चोट लगी है। घायल जवानों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रायपुर भेजा गया है।

हादसे में शहीद होने वाले जवानों के नाम

जय लाल उइके, ग्राम-कसावाही (प्रधान आरक्षक)
करन देहारी, अंतागढ़, (ड्राइवर)
सेवक सलाम, कांकेर
पवन मंडावी, बहीगांव
विजय पटेल, नारायणपुर
धमाका इतना जोरदार था कि बस उछलकर पुल के नीचे खाई में गिर गई।
घने जंगल का फायदा उठाकर नक्सलियों ने किया हमला
जानकारी के मुताबिक, जिले के कड़ेनार इलाके में धौड़ाई और पल्लेनार के बीच घना जंगल है। नक्सलियों ने यहीं पर घात लगाकर बस को निशाना बनाया और IED ब्लास्ट किया है। बताया जा रहा है कि यह जवान मंदोड़ा जा रहा थे। यह आशंका जरूर जताई जा रही है कि शहीद जवानों की संख्या बढ़ सकती है। घटनास्थल पर अतिरिक्त रिइन्फोर्समेंट पार्टी भी भेजी गई।

शहीद जवान के पार्थिव शरीर को ले जाने की तैयारी में उसके साथी।
CM भूपेश बघेल बोले- नक्सल विरोधी अभियान तेज करेंगे
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सली हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सलियों का वर्चस्व कम होता जा रहा है। अब सरकार नक्सल विरोधी अभियान को और तेज करेगी। वहीं, राज्यपाल अनुसुईया उइके ने नक्सली हमले में शहीद जवानों के प्रति दुख व्यक्त किया। उन्होंने शहीदों के परिजनों को सांत्वना देते हुए घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इसके साथ ही नक्सल विरोधी अभियान के DG अशोक जुनेजा ने कहा कि DRG की टीम करीब 4.15 बजे एक ऑपरेशन से वापस लौट रही थी, इस दौरान ही नक्सलियों ने तीन IED ब्लास्ट किए।
नक्सलियों ने 17 मार्च को शांति वार्ता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वे जनता की भलाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बातचीत के लिए तीन शर्तें भी रखीं थीं। इनमें सशस्त्र बलों को हटाने, माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने और जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहाई शामिल थीं।

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