उत्तर प्रदेश खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति नियमावली-2020 से खेलों में गांव से लेकर प्रदेश स्तर तक खिलाड़ियों को मिलेंगी सुविधाएं

लखनऊ (लाइवभारत24)। उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई खेल निति को लागू करने का मन बना लिया है।प्रदेश के खिलाड़ियों को योजनाओं का पारदर्शी ढंग से अधिक से अधिकलाभ देने एवं गांव स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक युवा खिलाड़ियों का चिन्हांकन कर खेलप्रतिभागिता में वृद्धि, कौशल में उत्कृष्टता लाने व स्थानीय एवं परम्परागत खेलों कोबढ़ावा देने के लिए जिला खेल प्रोत्साहन समिति नियमावली-1984 को संशोधित करते हुए ‘उत्तरप्रदेश खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति नियमावली-2020’ बनाई जा रही है। यह समिति चारस्तरीय तौर पर कार्य करेगी। इसके तहत तहसील, जिला, मण्डल एवं राज्य स्तरीय खेल विकासएवं प्रोत्साहन समितियों का गठन किया जायेगा।

 यह जानकारी प्रमुख सचिव खेल कल्पना अवस्थी ने शुक्रवार को जारी बयान में  यहां दी। उन्होंने बताया कि जिला खेलकूद प्रोत्साहन समिति नियमावली वर्ष 1984 में बनी थी, जोलगभग 36 साल पुरानी हो चुकी है। नवीन खेलों के प्रति खिलाड़ियों की बढ़ती रूचि, प्रतिस्पर्धाऔर ओलम्पिक के लिए उत्कृष्ट खिलाड़ियों की खोज के दृष्टिगत इस नीति में संशोधन कियाजा रहा है। उन्होंने बताया कि गांव से लेकर शहर तक युवा वर्ग के पास योग्यता का प्रचुरमात्रा में भण्डार है। समिति के पुर्नगठन होने से खिलाड़ियों का सुसंगत एवं व्यवस्थितढंग से चयन के साथ विकास एवं प्रतिस्पर्धा में एकरूपता देखने को मिलेगी।प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रस्तावित खेल नीति का प्रमुख उद्देश्य खेलसंस्कृति का समस्त वर्गों में बढ़ावा देना है। इस नीति के लागू होने से खेलों के विस्तारके साथ खिलाड़ियों की प्रतिभागिता में वृद्धि होगी। इसके तहत खेल प्रतिभाओ के चिन्हींकरणएवं बहुमुखी क्षमता विकास को विशेष प्राथमिकता मिलेगी।उन्होंने बताया कि प्रस्तावितनीति में खेल अवस्थापनाओं, उपकरणों, भौतिक संरचना पर विशेष बल दिया गया है। इसके अलावाखेल संघों/संस्थाओं, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के मध्यमसमन्यव रखते हुए खेलों के समग्र विकास को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी।

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