लखनऊ (लाइवभारत24)। बसपा से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की छुट्‌टी हो गई है। मायावती ने उनका टिकट काटकर मऊ सदर सीट से बसपा प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर का नाम फाइनल कर दिया है। मायावती ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में किसी भी माफिया को टिकट नहीं दिया जाएगा।

हाल ही में मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह ने समाजवादी पार्टी जॉइन की है। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्तार पर कार्रवाई संभव है। सूत्रों का कहना है कि बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

बसपा का अगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली और माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष श्री भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।
जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।
बसपा का संकल्प ’कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है, ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी। बसपा जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है।
भीम राजभर को 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने मऊ सदर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था। यह बसपा के लिए कठिन दौर था, क्योंकि उसी समय बसपा में रहे बाहुबली अंसारी बंधु मुख्तार व अफजाल ने बगावत कर कौमी एकता दल का गठन किया था। इससे पूर्वांचल की राजनीति काफी प्रभावित हुई थी। मुख्तार अंसारी ने अपने दल से चुनाव लड़ा और बसपा के प्रत्याशी भीम राजभर को 5,904 वोटों से मात दी थी। इस सीट पर मुस्लिमों के निर्णायक होने के बावजूद अच्छी लड़ाई लड़ी थी। उसके बाद राजभर को आजमगढ़ मंडल का जोनल कोआर्डिनेटर बनाया गया था।

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