लखनऊ(लाइवभारत24)। ऊर्जा क्षेत्र को समर्पित सरकारी स्वामित्व वाली अग्रणी एनबीएफसी पावर फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी ) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 (अप्रैल-मार्च) के लिए अपने ऋण लक्ष्य में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। पहले यह लक्ष्य 90,000 करोड़ रुपए था, जिसे बढ़ाकर अब 1,18,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इस तरह कुल मिलाकर 28,000 करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है। पावर फाइनेंस कार्पोरेशन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की उधार योजना को 90,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1,18,000 करोड़ रुपए तक संशोधित करने का यह फैसला आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार उधारकर्ताओं को दी गई मोरेटोरियम की सुविधा को समायोजित करने के लिहाज से किया गया है। पीएफसी की ओर से स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई सूचना के मुताबिक कंपनी ने लॉन्ग टर्म बॉरोइंग के जरिये अधिकतम 83,000 करोड़ रुपए, लॉन्ग टर्म फॉरेन करेंसी बॉरोइंग से 15,000 करोड़ रुपए, शॉर्ट टर्म बॉरोअर्स से 5000 करोड़ रुपए और कमर्शियल पेपर्स से 15,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है। पीएफसी को उधार राशि को बढ़ाने में फिलहाल कोई चुनौती नजर नहीं आ रही है। उधार राशि का उपयोग देश में बिजली क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराने में किया जा रहा है। अब तक पीएफसी ने अपनी सब्सिडियरी आरईसी के साथ मिलकर कोविड काल के दौरान डिस्काॅम्स को कुल 1.18 लाख करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत किए हैं, ताकि वे लिक्विडिटी से संबंधित अपने संकट को दूर कर सकें। कंपनी के एक प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘बाजार में लिक्विडिटी की स्थिति, पीएफसी की उच्चतम क्रेडिट रेटिंग, ट्रैक रिकॉर्ड और वित्तीय मजबूती को देखते हुए हमें अपने लक्ष्यों को पूरा करने और विकास की गति को बनाए रखने में फिलहाल कोई चुनौती नजर नहीं आ रही है, हालांकि कोविड काल के दौरान बिजली क्षेत्र ने निरंतर मंदी के दौर का सामना किया है।’’पीएफसी की योजना ऊर्जा क्षेत्र में फाॅरवर्ड एंड बैकवर्ड लिंकेज सहित बिजली से संबंधित व्यवसायों को फाइनेंस उपलब्ध कराने की है। पीएफसी इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग संबंधी बुनियादी ढांचे और स्मार्ट ग्रिड परियोजनाओं की स्थापना के साथ-साथ इक्विपमेंट मैन्यूफेक्चरिंग के लिए वित्त पोषण पर भी ध्यान देगी

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