पटना (लाइवभारत24)। LJP के नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को सीधे PM नरेंद्र मोदी को चुनौती दी। चिराग ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि LJP कोटे से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तो मैं कोर्ट जाऊंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं हूं, पार्टी भी मेरी है। समर्थन भी मेरे पास है। मेरी अनुमति के बिना, पार्टी के कोटे से किसी भी सांसद को मंत्री बनाना गलत है।
चिराग पासवान ने यह भी कहा- विवाद के बीच अगर ऐसे सांसद को मंत्री बनाया जाता है, जिसे पार्टी निकाल चुकी है तो यह गलत होगा। मुझे नहीं लगता कि PM मोदी ऐसा करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो मैं राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हूं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चाचा पशुपति पारस को मंत्री बनाना है, तो JDU में शामिल करके बनाएं, लेकिन LJP के नाम पर नहीं।
चिराग ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सबसे पहली टूट जनता दल यूनाइटेड (JDU) में होगी। नीतीश कुमार की सरकार डेढ़-दो साल से ज्यादा नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि रामविलास के विचारों को कुचलते हुए जिन लोगों ने अलग गुट बनाया, उन्हें तुरंत निष्कासित किया गया है। उनकी प्राथमिक सदस्यता भी खत्म की गई है। चुनाव आयोग को भी इसकी जानकारी दी गई है। पार्टी के नाम पर उन्होंने आयोग में कोई दावा नहीं किया है। खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष भी नहीं बताया है।
LJP में 13 जून की शाम से कलह शुरू हुई थी। 14 जून को चिराग पासवान को छोड़ बाकी पांचों सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। इसमें हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। इसकी सूचना लोकसभा स्पीकर को भी दे दी गई। 14 जून की शाम तक लोकसभा सचिवालय से उन्हें मान्यता भी मिल गई थी। इसके बाद चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर पांचों बागी सांसदों को LJP से हटाने की अनुशंसा कर दी। फिर 17 जून को पटना में पारस गुट की बैठक में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया।

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