मथुरा (लाइवभारत24)। हाथरस में दंगे फैलाने की साजिश को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। नई जानकारी चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को लेकर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक PFI को हाथरस कांड के बहाने यूपी में जातीय दंगे फैलाने के लिए 100 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली थी, इसमें से 50 करोड़ मॉरिशस से आए थे। PFI वही संगठन है जिसका नाम CAA के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों में भी आया था।
दिल्ली से हाथरस जा रहे 4 कार्यकर्ता मंगलवार रात मथुरा में पकड़े गए थे। इनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। इनके पास 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप, ‘जस्टिस फॉर हाथरस विक्टिम’ और Am I not India’s daughter, made with Carrd लिखे हुए पम्पलेट मिले थे। स्थानीय कोर्ट ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि दंगे फैलाने और फिर बचकर भागने के टिप्स बताने वाली वेबसाइट justice for hathras से भी चारों आरोपियों का कनेक्शन है। यह भी पता चला है कि कुछ लोग carrd.co वेबसाइट के जरिए फंड जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। विदेशों से मिलने वाली फंडिंग का इस्तेमाल दंगे भड़काने में किया जाता है।
इनसे जुड़े संगठन और कार्यकर्ता भीड़ जमा करने, अफवाह फैलाने, चंदा जुटाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की आड़ में देश विरोधी काम करते हैं।
इनके जरिए भारत के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है। जैसे मॉब लिंचिंग की घटना का दुष्प्रचार, हाल में मजदूरों के पलायन और कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है।
वेबसाइट्स का मकसद जातिगत दुश्मनी को बढ़ावा देना और समाज में अस्थिरता पैदा कर दंगे फैलाना है। इनके जरिए बताया जाता है कि दंगों के दौरान पहचान कैसे छिपाएं और माहौल कैसे बिगाड़ें।
पुलिस अब जांच करेगी कि ये प्लेटफॉर्म किसने और किस मकसद से बनाए। अब तक इन वेबसाइट्स से कितना पैसा जुटाया गया। जो फंड जुटाया उसे कहां इस्तेमाल किया और किस-किस के खाते में पैसे भेजे गए। अवैध फंडिंग को लेकर ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरुआती जांच कर रहा है।

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