लखनऊ (लाइवभारत24)। आज से शारदीय नवरात्र 2020 का महापर्व शुरू हो रहा है। इस बार नवरात्र का विशेष महत्व है। कल के दिन मां दुर्गा का आगमन स्वर्ग से धरती पर होगा। हिंदू धर्म में इन नौ दिनों का बहुत अधिक महत्व होता है। नवरात्र में देवी के नौ रूपों की पूजा धूमधाम से की जाती हैं। हर एक दिन देवी के अलग-अलग रूप की उपासना करने से भक्त को आशीर्वाद मिलता है। मां दुर्गा के भक्तों को इसकी तैयारी एक दिन पहले ही करनी होगी। आइए यहां जानते है कि मां दुर्गा की पूजा करने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी जिससे मां दुर्गा की पूजा करने में किसी भी सामग्री की कमी नहीं होगी…

 माता रानी की पूजा के लिए पूजन सामग्री  
माता रानी स्वर्ग से धरती पर पधार रही है। इनकी पूजा के लिए आज इन सामग्री की जरूर खरीदारी कर लें। लाल रंग की गोटेदार चुनरी, लाल रेशमी चूड़ियां, सिन्दूर, आम के पत्‍ते, लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, नारियल, दुर्गासप्‍तशती किताब, कलश, साफ चावल, कुमकुम, मौली, शृंगार का सामान, दीपक, घी/तेल, फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, उपले, फल/मिठाई, चालीसा व आरती की किताब, देवी की प्रतिमा या फोटो, कलावा, मेवे।

 

मां शैलपुत्री
शैलपुत्री साधना करने से भौतिक एवं आध्यात्मिक इच्छा पूर्ति होती है.

जानें माता शैलपुत्री की पूजा करने के लिए शुभ समय

1. अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक.

2. दिवस मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक.

3. सायंकालीन मुहूर्त शाम 6:00 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक.

4. रात्रिकालीन मुहूर्त रात्रि 9:00 बजे से 12 बजकर 04 मिनट तक.

देवी शैलपुत्री की पूजा के लिए मंत्र

ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्

वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।

ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:। ॐ शैलपुत्रै नमः।

माता शैलपुत्री की पूजा विधि
आनवरात्रि प्रतिपदा के दिन कलश या घट स्थापना करें. इसके बाद दुर्गा पूजा का संकल्प लें. फिर माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करें। मां को अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प आदि अर्पित करें। मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद कपूर या गाय के घी से दीपक जलाएं। मां की आरती करें। शंखनाद के साथ घंटी बजाएं। मां को प्रसाद अर्पित करें। पूजा समाप्त होने के बाद घर में सभी को प्रसाद दें।

मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का लगाएं भोग
मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है। ऐसा करने पर हर तरह की बीमारी दूर होती है।

मां शैलपुत्री को सफेद चीज हैं पसंद
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री को सफेद चीज पसंद है. इस दिन सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है।

  किस दिन मां को कौन सा रंग है पसंद
नवरात्र के नौ दिनों तक दुर्गा नवरात्रि के समय हर दिन का एक रंग तय होता है। मान्यता है कि इन रंगों का उपयोग करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आप भी जानिए नवरात्र में किस दिन मां को कौन सा रंग है पसंद

प्रतिपदा- पीला

द्वितीया- हरा

तृतीया- भूरा

चतुर्थी- नारंगी

पंचमी- सफेद

षष्टी- लाल

सप्तमी- नीला

अष्टमी- गुलाबी

नवमी- बैंगनी

नव दुर्गा देवी के मंत्र
1. शैलपुत्री- ह्रीं शिवायै नम:।

2. ब्रह्मचारिणी- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।

3. चन्द्रघण्टा- ऐं श्रीं शक्तयै नम:।

4. कूष्मांडा- ऐं ह्री देव्यै नम:।

5. स्कंदमाता- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।

6. कात्यायनी- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।

7. कालरात्रि – क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।

8. महागौरी- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।

9. सिद्धिदात्री – ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

मां को पसंद है गुड़हल का फूल
दुर्गा देवी मां का प्रिय पुष्प गुड़हल है। गुड़हल का फूल चढ़ाने से भक्तों पर असीम अनुकंपा होती हैं। देवी पुराण में मां दुर्गा पर गुड़हल का पुष्प चढ़ाना बहुत लाभदायक है. गुड़हल के पुष्प में मां दुर्गा का विशेष वास माना जाता है।
ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का लगाए भोग
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।

इस दिन दूध से बनी चीजों का लगाए भोग
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें. ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।

चौथे दिन मलपुए का लगाए भोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं। इसके बाद प्रसाद को किसी ब्राह्मण को दान कर दें और खुद भी खाएं। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी।

इस दिन केले का लगाए भोग
नवरात्रि के पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है।

षष्ठी तिथि के दिन देवी चढ़ाएं मधु
नवरात्रि के षष्ठी तिथि के दिन देवी के पूजन में मधु का महत्व बताया गया है. इस दिन प्रसाद में मधु यानि शहद का प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रभाव से साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है.

सप्तमी को मां कालरात्रि को गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें
नवरात्रि के सप्तमी तिथि के दिन भगवती की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है।
अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाएं
नवरात्रि के अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाएं. नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।

नवमी तिथि पर मां को लगाएं विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग
नवमी तिथि पर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें। इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है।

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