नई दिल्ली (लाइवभारत24)। देश के लोगों के लिये खुशखबरी। एमआईटी ने एक रोबोट तैयार किया है। यह आधे घंटे में 4,000 वर्ग फुट वाले गोदाम के फ्लोर के संक्रमण मुक्त कर सकता है। आगे चलकर बड़ी दुकानों और स्कूल की साफ-सफाई में इसका इस्तेमाल हो सकता है।

रोबोट के विकास के लिए विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेबोरेटरी ने अवा रोबोटिक्स और ग्रेटर बोस्टन फूड बैंक के साथ मिलकर काम किया। यह रोबोट कस्टम यूवी-सी लाइट का उपयोग कर सतह को संक्रमण से मुक्त करता है और हवा में तैरते कोरोनावायरस कणों को न्यूट्रलाइज करता है।

एक रिसर्चर ने कहा कि सुपरमार्केट, फैक्ट्री और रेस्तरां में भी इस रोबोट का उपयोग किया जा सकता है। रोबोट का विकास करने के लिए रिसर्चर्स ने अवा रोबोटिक्स के एक मोबाइल रोबोट के निचले हिस्से को लिया। इसके ऊपरी हिस्से में उन्होंने कस्टम यूवी-सी लाइट लगाकर इसे मॉडिफाई किया।

यह मोबाइल रोबोट जब काम करता है, तब इसके ऊपरी हिस्से से छोटी वेवलेंथ वाली अल्ट्र्रावायलेट किरणें निकलती हैं। ये किरणें जीवाणुओं को मार देती हैं, साथ ही उनके डीएनए को क्षतिग्रस्त कर देती हैं। इस प्रक्रिया को अल्ट्रावायलेट जर्मिसाइडल इरेडिएशन कहा जाता है। इस प्रक्रिया का उपयोग आमतौर पर अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में कमरों को संक्रमण मुक्त करने के लिए किया जाता है।

रिसर्चर्स ने कहा कि यूवी-सी लाइट विभिन्न सतहों पर मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को मारने में कारगर साबित हुआ है। हालांकि, यह मानव को नुकसान पहुंचाता है। यह रोबोट खुद काम करता है। इसे किसी सुपरविजन या निरंतर संदेश की जरूरत नहीं होती।

कोविड-19 हवा के जरिए फैलता है। यह किसी सतह पर कई दिनों तक रह सकता है। पूरी दुनिया में कोरोनावायरस का संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में स्कूल और सुपरमार्केट्स को अपने परिसरों को संक्रमण मुक्त कर सकने वाला प्रभावी समाधान चाहते है। रिसर्चर्स की टीम ने अभी सिर्फ एक रोबोट बनाया है, जिसे फूड बैंक में तैनात किया गया है।

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