लखनऊ(लाइवभारत24)। हर साल 28 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा “विश्व हेपेटाइटिस दिवस” मनाया जाता है। इस वर्ष इस दिवस की थीम है – “हेपेटाइटिस मुक्त भविष्य” जो माताओं एवं नवजात में हेपेटाइटिस रोकने पर केन्द्रित है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य हेपेटाइटिस रोग के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करना है | विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार – हेपेटाइटिस बीमारी हेपेटाइटिस वायरस के संक्रमण से होती है।  इसके पांच मुख्य स्ट्रेन हैं- “ए”, “बी”,”सी” “डी” एवं “ई”। विश्व में वायरल हेपेटाइटिस बी एवं सी से 32.5 करोड़ लोग संक्रमित हैं। हेपेटाइटिस बी एवं सी लाखों लोगों में क्रोनिक हो जाती है और यह लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर तथा वायरल हेपेटाइटिस से सम्बंधित मौतों का मुख्य कारण है | पूरी दुनिया में प्रति वर्ष 13 लाख लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस बी एवं सी से होती है। कुछ प्रकार के हेपेटाइटिस का इलाज वैक्सीनेशन के द्वारा संभव है। कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी इससे हजारों लोगों की जाने जा रही हैं |
डब्ल्यूएचओ के अनुसार – हर साल 9 लाख लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस बी के संक्रमण के कारण हो जाती है | 42 प्रतिशत बच्चों को जन्म के समय हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन मिलती है।

हेपेटाइटिस के कारण :

नेशनल होम्योपैथिक काउन्सिल के पूर्व सदस्य एवं होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनुरुद्ध वर्मा बताते हैं- इस बीमारी का मुख्य कारण हिपेटाईटिस वायरस है | इसके अलावा इसके संभावित कारण हैं : विभिन्न प्रकार के संक्रमण , नशा करना। साथ ही ऑटो इम्यून डिजीज और कुछ निश्चित दवाओं के इस्तेमाल के दुष्प्रभाव से भी यह बीमारी हो सकती है।

हेपेटाइटिस के लक्षण :

होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनुरुद्ध वर्मा

डा. अनुरुद्ध वर्मा के अनुसार – कुछ लोगों में शुरुआत में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। आमतौर पर इसके लक्षण 15 से 180 दिनों के बाद दिखाई देते हैं | संक्रमण गंभीर होने पर – बुखार, निमोनिया,भूख न लगना , उलटी होना, पेट में दर्द, दिल घबराना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, सिर दर्द, वजन कम होना , चक्कर आना, यूरिन का रंग पीला हो जाना, खुजली रहना, त्वचा , आँखों के सफ़ेद भाग, जीभ का रंग पीला पड़ जाना , लिवर का आकार बढ़ना और महिलाओं में मासिक धर्म का गड़बड होना इत्यादि |

कैसे करें हेपेटाइटिस से बचाव :

डा. अनुरुद्ध वर्मा के अनुसार – साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, टैटू केलिए स्टरलाइज सुई का उपयोग करें, सुरक्षित शारीरक सम्बन्ध बनायें, अपने टूथ ब्रश और रेजर किसी के साथ साझा न करें, शराब का सेवन करने से बचें , टॉयलेट से आने के बाद सफाई का विशेष ध्यान रखें।
यह बीमारी मानसून में अधिक फैलती है इसलिए इस मौसम में तैलीय, मांसाहारी, मसालेदार और भारी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
इस बीमारी से बचने के लिए शाकाकारी आहार, हरी पातेदार सब्जियां, ब्राउन राइस विटामिन सी युक्त पदार्थ, सूखे खजूर, पपीता , नारियल पानी , बादाम , इलायची का सेवन करना चाहिए।
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार उत्तर प्रदेश में 12-23 माह के 52.8 प्रतिशत बच्चों को हेपेटाइटिस बी के टीके की तीन डोज़ मिलती हैं।
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार लखनऊ में 12-23 माह के 61.1 प्रतिशत बच्चों को हेपेटाइटिस बी के टीके की तीन डोज़ मिलती हैं।

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