राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (1 जुलाई) पर विशेष
लखनऊ(लाइवभारत24)। देश में चिकित्सक दिवस प्रतिवर्ष 1 जुलाई को मनाया जाता है। चिकित्सकों की सेवाओं को याद रखने तथा उन्हें सम्मान प्रदर्शित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है | पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री तथा प्रसिद्ध डाक्टर डा.विधान चन्द्र राय के चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए, 1991 में 1 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर डाक्टर्स डे को मनाने का निर्णय लिया गया।
डा. के.पी.त्रिपाठी बताते हैं विषम परिस्थितियों में काम करते वक्त चिकित्सक शारिरिक तौर पर भी मुश्किल स्थितियों से गुजर रहे हैं क्योंकि इस दौरान उनकी जिंदगी काफी थकान भारी रहती है। पी पी ई किट पहनने एवं उतारने में ही लगभग आधा घंटा लगता है और इसका उपयोग केवल एक बार ही प्रयोग किया जा सकता है। सबसे मुश्किल तब आती है जब शरीर में एक दम चुस्त हो जाने वाली किट के पहनने के बाद सांस लेने में भी मुश्किल होती है ,घुटन महसूस होने लगती है । स्थिति यह है कि चिकित्सक 6 घंटे की ड्यूटी के दौरान भोजन ,पानी ताजी हवा और यहां तक की वाश रूम का प्रयोग भी नहीं कर पाते हैं । आपातस्थिति के दौरान चिकित्सकों को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत पड़ती है क्योंकि एक छोटी सी गलती भी जिंदगी के लिए भारी पड़ सकती है और जान लेवा साबित हो सकती है।


राष्ट्रीय होम्योपैथिक परिषद के सदस्य तथा वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनुरुद्ध वर्मा बताते हैं – इस महामारी से निपटने के लिए डाक्टर्स अपनी जान खतरे में डालकर अपनी सेवाएँ दे रहे हैं | संकट की इस घड़ी में उन्हें अपने परिवारजनों तथा प्रियजनों से भी दूर रहना पड़ रहा है | आज की आपातकालीन परिस्थितियों में डाक्टर्स भगवान का रूप हैं।
डा. वर्मा का कहना है – इस दौरान चिकित्सकों को अनेक स्थानों पर जनता के तीव्र विरोध का भी सामना करना पड़ा है औऱ कुछ स्थानों पर उनके ऊपर जानलेवा हमला भी किया गया तथा लेकिन वह पीछे नहीं हटे तथा उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कार्य किया | चिकित्सकों के साथ कई जगहों पर कोरेंटीन किये गए लोगों की अभद्रता एवँ मारपीट की शिकायतें भी सामने आई हैं यहां तक की पुलिस की मदद भी लेनी पड़ी । चिकित्सकों तथा चिकित्साकर्मियों के साथ मारपीट एवं हिंसा की घटनाओं को देखते हुए उसे रोकने के लिए सरकार को चिकित्सकों की हिंसा के विरुद्ध कानून बनाना पड़ा और अनेक जगहों पर पुलिस को कार्यवाही भी करनी पड़ी ।
Happy Doctor’s Day