नई दिल्ली(लाइवभारत24।)। पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव की वजह से अब अमेरिका ने बमवर्षक विमान , लड़ाकू फाइटर प्लेन और नौसेना के विमानों को भेजने के आदेश दिए है। यह जानकारी पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने दी। दरअसल, एक अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया था। ठीक 25 दिन बाद इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर लड़ाकू विमानों से हमला किया। अब ईरान ने बार फिर इजरायल पर पलटवार करने की बात कही। यही वजह है कि अमेरिका पश्चिम एशिया में अधिक विमानों की तैनाती करने में जुटा है।
अमेरिका की ओर से बी-52 बमवर्षक विमान, लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन, टैंकर विमान और नौसेना के विध्वंसक विमान पश्चिम एशिया में तैनात किए जाएंगे। वहीं, यूएसएस अब्राहम लिंकन युद्धपोत जल्द ही अमेरिका लौट जाएगा। यूएसएस अब्राहम लिंकन विमानवाहक पोत और उसके स्ट्राइक ग्रुप में शामिल तीन विध्वंसक जल्द ही सैन डिएगो स्थित बंदरगाह पहुंच जाएंगे।
अमेरिका ने कहा कि वह किसी भी हाल में इजरायल की रक्षा करेगा। एक अक्टूबर को ईरानी हमले को निष्क्रिय करने में अमेरिकी सेना ने इजरायल की काफी मदद की थी। इजरायल के हमले के बाद अमेरिका ने ईरान को स्पष्ट चेतावनी दी है।
अमेरिका ने कहा कि ईरान को इजरायल पर हमला करने की गलती नहीं करनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो घातक परिणाम होंगे। जानकारी के मुताबिक ईरान पर इजरायल के हमले में एक सैन्य बेस को भारी नुकसान पहुंचा है। इस बेस में बैलेस्टिक मिसाइलों का उत्पादन होता है। यह बेस ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम का भी हिस्सा है।

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