गुरुग्राम (लाइवभारत24)। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (1090), मुख्यालय के सभागार में भारत-नेपाल सीमावर्ती जिलों की ए0एच0टी0यू0 (एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स) की दो दिवसीय क्षमतावर्धन व समन्वय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उ0प्र0 पुलिस के भारत-नेपाल सीमावर्ती 07 जनपद में तैनात उ0प्र0 पुलिस एवं सशस्त्र सीमा बल (एस0एस0बी0) के एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के अधिकारी/कर्मचारी गणों द्वारा प्रतिभाग किया गया। यह कार्यशाला महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (1090) द्वारा ’प्लान इण्डिया’ तथा ‘कारितास इण्डिया’ संस्थाओं के सहयोग आयोजित की गयी थी।
इस दो दिवसीय कार्यशाला के समापन के अवसर पर को मुख्य अतिथि के रूप में प्रशान्तकुमार, अपर पुलिस महानिदेशक ‘कानून एवंव्यवस्था नीरा रावत, अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में रत्न संजय, पुलिस महानिरीक्षक, सशस्त्र सीमा बल उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त रवि शंकर छबि, पुलिस उपमहानिरीक्षक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, अलंकृता सिंह, पुलिस अधीक्षक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, अपर पुलिस अधीक्षक/स्टाॅफ आफिसर वीरेन्द्र कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक नीति द्विवेदी एवं प्लान इण्डिया संस्था के प्रोग्राम मैनेजर सुधीर कुमार राय, प्रोजेक्ट मैनेजर   उमेश कुमार गुप्ता, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर श्री महर्षि अग्निहोत्री तथा ‘कारितास इण्डिया’ के प्रोग्राम आफिसर   अनिमेष विलियम आदि अधिकारी/कर्मचारीगण तथा प्रतिभागीगण मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि  प्रशान्त कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक ‘’कानून एवं व्यवस्था’’ उ0प्र0 महोदय ने अपने उद्बोधन में इस वैश्विक अपराध से निपटने के लिए शासन द्वारा ए0एच0टी0यू0 यूनिट्स को उपलब्ध करायी गयी सुविधाओं के बारे में बताया तथा उ0प्र0 पुलिस व एस0एस0बी0 के प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया साथ ही अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा उ0प्र0 पुलिस व एस.एस.बी. के आपसी समन्वय को बढ़ाने तथा समय-समय पर इस प्रकार की और कार्यशालाएं/प्रशिक्षण आयोजित किये जाने पर बल दिया। उन्होने इस कार्याशाला के सफल आयोजन हेतु 1090 के अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा की तथा सहयोग के लिए ‘प्लान इण्डिया’ व ‘कारितास इण्डिया’ तथा आमंत्रित विषय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया।
कार्यशाला का उद्देश्य-
उ0प्र0 पुलिस एवं सशस्त्र सीमा बल की भारत-नेपाल सीमा पर स्थित जिलों में कार्यरत एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मानव दुव्र्यापार विषय पर क्षमता वर्धन द्वारा-
1. महिलाओं एवं बच्चों पर इसके प्रभाव, रोकथाम व उनके पुनर्वास हेतु समन्वित प्रयास विषय पर प्रभावी जानकारी विकसित करना।
2. इसके द्वारा भारत एवं नेपाल सीमा पर महिलाओं एवं बच्चों के दुव्र्यापार की रोकथाम के लिए समन्वित सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण करना।
3. मानव दुव्र्यपार विषय पर विभागीय स्तर पर प्रशिक्षकों की उपलब्धता।
प्रतिभागी-
इस कार्यशाला में भारत-नेपाल सीमावर्ती 07 जनपदों – पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती एवं महराजगंज में तैनात उ0प्र0 पुलिस एवं इन जनपदों में तैनात सशस्त्र सीमा बल (एस0एस0बी0) के एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के 45 अधिकारी/कर्मचारीगणों ने प्रतिभाग किया।
मुख्य विषय विशेषज्ञ (रिसोर्स पर्सन)-
1. रविकान्त, एडवोकेट, सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली।
2. अरूण पाण्डेय, फाउण्डर, अर्ज संस्था, गोवा।

विषय विशेषज्ञों द्वारा इस कार्यशाला में प्रतिभागियों द्वारा मानवतस्करी के क्षेत्र में कार्य करने के दौरान उनके अनुभव एवं समस्याओं के बारे में जानकारी लेते हुए मानव दुव्र्यापार के सम्बन्ध में पावर प्वाइण्ट प्रजेन्टेशन तथा आपसी संवाद के माध्यम से बहुत व्यापक, तथ्यात्मक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी से प्रतिभागियों को लाभान्वित किया गया।

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