नीरजा शुक्ला’नीरू’ (कनॉडा)

लखनऊ (लाइव भारत24 )। फादर्स-डे के मौके पर हर किसी ने अपने अंदाज में पिता के प्रति अपना प्रेम दर्शाया। किसी ने दूर बैठे पिता को फोन पर बधाई दी तो किसी ने चॉकलेट और गिफ्ट्स देकर अपना प्यार जताया। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके पिता भले ही शारीरिक रूप से अब उनके साथ नहीं हैं, मगर उनकी यादों और भावनाओं में आज भी उनका प्यार बसा है। लाइव भारत 24 को ऐसी ही एक बेटी ने अपने पिता के लिये मन में छिपे प्रेम को शब्दों में पिरोकर भेजा। आशा है, उनकी भावनाएं कहीं न कहीं आपके मन में भी पिता के प्रति प्रेम को जाग्रत कर दे।

  “सुहाने दिन”…

श्वेत-श्याम का ज़माना था
पर वो कितना सुहाना था,
न फ़िक्र न कोई चिंता थी
हर मौसम मस्ताना था!!
मासूम भाव से भरे हुए
जीवन में अल्हड़पन था,,
इक्कल-दुक्कल खेलते थे,,
रस्सी कूदना भी ‘फन’ था,,,,
दादी-नानी के किस्से थे,
उन क़िस्सों में जीवन था,
ना भविष्य की चिंता थी,
ना वर्तमान का भय था!!
डांट पिता की खाते थे,,
माँ के आँचल में छिपना था,,
सच कितने भोले-भाले थे,,
निश्छल कोमल तन मन था!!
फूलों सा खिलते हँसते थे,
तितली पकड़ मचलना था,
गुड्डे-गुड़िया की शादी थी,
मिट्टी के घरौंदे बनाना था!!
लंबे बाल कसी चोटी थी,,
मन भी प्रफुल्लित रहता था,,
छोटे-छोटे से सपने थे,,
सपनों में कितना दम था,,
उठ सुबह पहाड़े रटते थे,,
शाम को सब सफ़ाचट हो जाता था,,
इतिहास भूगोल की चिंता थी,,
इम्तिहान का बस डर था!!
पिता की उस डांट में भी,,
उनका प्यार छिपा होता था,,
दुनिया में आगे बढ़ने का,, जो हर पल साहस देता था,,
मखमली सुनहरी यादों से,,
मन का हर कोना महका है,,
अब रेशम सा उन यादों को सहेज,,
दिल के ‘लॉकर’ में रखना है!!

आई लव यू पापा”

 

 

 

 

 

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