राफेल स्क्वाड्रन की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं शिवांगी
वाराणसी (लाइवभारत24)। यूपी के बनारस की रहने वाली शिवांगी सिंह राफेल उड़ाने वाली स्क्वाड्रन में पहली महिला पायलट के तौर पर शामिल की गई हैं। फिलहाल वह प्रशिक्षण ले रही हैं।काशी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी फिलहाल अंबाला में प्रशिक्षण ले रही हैं शिवांगी के पिता ट्रैवल्स का काम करते हैं, गोल्डन गर्ल नाम मिलने से खुश हैं उनकी मां परिजन बोले- घर से बाहर रहने पर जो लोग गलत समझते थे, वही आज फोन करते हैं वाराणसी में पली-बढ़ीं और बीएचयू से एनसीसी करने के बाद शिवांगी भारतीय वायु सेना की राफेल स्क्वाड्रन की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं। शिवांगी सिंह इससे पहले मिग-21 उड़ा चुकी हैं। अब वो राफेल के 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन टीम में शामिल हो गई हैं। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में शिवांगी को इसकी ट्रेनिंग भी दी जा रही है। शिवांगी भारतीय वायु सेना में 2017 में शामिल हुई थीं। वह विंग कमांडर अभिनंदन के साथ भी काम कर चुकी हैं। शिवांगी के पिता ट्रैवल्स का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि जुलाई 2016 में मैसूर में शिवांगी ने कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट क्वालीफाई किया। यहीं से उसने एयरफोर्स ट्रेनिंग की शुरुआत की। वो एयरक्राफ्ट उड़ाने में माहिर है। शिवांगी के दादा सुधीर सिंह कहते हैं कि बचपन में वो फुर्र-फुर्र कहती थी। हम लोग इसको कभी नहीं समझ पाए। आज समझ में आया कि उसकी मेहनत और किस्मत फुर्र में ही छिपी थी। आज वो देश के लिए इस मुकाम पर पहुंच गई, वो उसी फुर्र-फुर्र की देन है।
शिवांगी के चचेरे दादा सुधीर सिंह ने बताया वो घर से सुबह 6 बजे निकलती थी और 8 बजे रात को घर आती थी। लोग तमाम बातें करते थे। उसको गलत समझते थे, पढ़ती है कि घूमती है। आज वही लोग बधाइयां दे रहे हैं। उसने ग्रेजुएशन बीएचयू से किया है। वह अच्छी एथलीट है। गिटार भी बजाती है। शिवांगी का घर कैंटोनमेंट एरिया में है। फौजियों को देखकर उसके मन मे देश सेवा का भाव बचपन से था।
पिता कामेश्वर सिंह ने बताया कि उसके नाना भी फौजी थे। 9 वीं क्लास में थी तो एक बार वो दिल्ली गई थी। तब नाना ने एयरबेस और म्यूजियम घुमाया था। प्लेन देखकर तभी बोली थी, मैं भी इसको उड़ाना चाहती हूं। संघर्ष की जरूरत नहीं पड़ी। उसे जो भी जरूरत रही, हम सभी ने पूरा किया।
मां सीमा सिंह ने बताया डर तो उसके मन में कभी था ही नहीं। शुरू से ही उसको जहाजों में बहुत रुचि थी। आसमान में जहाज उड़ता देख बहुत खुश होती थी। पायलट का ड्रेस तस्वीरों में देख कर कहती थी, एक दिन मैं भी पहनूंगी। चचेरे भाई सुभ्रांशू सिंह ने बताया कि चाइना और भारत के हालात ठीक नहीं है। अगर कुछ होता है, तो शिवांगी जल्दी उनको जबाब देगी। देश की बेटी उनसे लोहा लेगी।
शिवांगी की पढ़ाई सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल से शुरू हुई। वह कक्षा1 से 8 तक यहीं पर पढ़ी उसके बाद 9 से 12 तक कि पढ़ाई सेंट जोसेफ शिवपुर से पूरी की। बाद में बीएससी की पढ़ाई 2013 से 15 -16 तक सनबीम वुमेंस कॉलेज वरुणा से की। इसी दौरान 3 साल बीएचयू से एनसीसी की छात्र भी रही हैं।