आचार्य बालकृष्ण ने कहा- पतंजलि योगपीठ ने खोज ली कोरोना की आयुर्वेदिक दवा, सैकड़ों मरीज ठीक हुए, 3-4 दिन में रिपोर्ट सामने रखेंगे
नई दिल्ली(लाइवभारत24)। क्या सच में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और संक्रमितों को ठीक करने की आयुर्वेदिक दवा तैयार हो चुकी है। यह दावा पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने शनिवार को किया है। उन्होंने कहा कि दवा का पहले फेज में क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। इसका 100% रिजल्ट आया है। सैकड़ों मरीज इस दवा को लेने से ठीक हुए हैं। अगले 3-4 दिनों में ठीक हुए मरीजों के डेटा के साथ सारे सबूत दुनिया के सामने रखेंगे।बालकृष्ण ने कहा, ”कोरोना जब फैलना शुरू हुआ था तो हमने वैज्ञानिकों की टीम शोध के लिए लगा दी थी। वैज्ञानिकों ने कोरोना से लड़ने, उसे फैलने और ठीक करने के लिए जड़ी-बूटियाें की पहचान की। उनको प्रोसेस के लिए तैयार करने के बाद ट्रायल किया गया। सैकड़ों कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ये दवाइयां दी गईं। इसका 100% रिजल्ट आया।”बालकृष्ण ने कहा, ”जिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ये दवाइयां दी गईं उनमें 70 से 80% मरीज महज 5 से 6 दिन में ठीक हो गए। सभी मरीज दवा लेने के अधिकतम 14 दिन में ठीक हो गए। ऐसे सभी मरीज बाद में कोरोना निगेटिव पाए गए। यही नहीं गंभीर मरीजों को भी यह दवा दी गई और वह भी ठीक हो गए। मरीजों की कफ, बुखार, सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्या भी दूर हो गई।”
आयुर्वेद में कोरोना का 100% इलाज
बालकृष्ण ने कहा, ”कोरोना का समाधान आयुर्वेद से 100% संभव है। क्लिनिकल ट्रायल में सफलता मिली है। अब क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल कर रहे हैं। अभी तक इसमें भी सकारात्मक परिणाम मिले हैं। आने वाले 3-4 दिन में हम इसका पूरा विवरण दुनिया के सामने सबूतों के साथ पेश करेंगे।”
पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दवा बनाने में जुटे हैं
पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण जिस कोरोना संक्रमण की दवा खोज लेने का दावा कर रहे हैं, उसके लिए पूरी दुनिया के बड़े से बड़े वैज्ञानिक दिन-रात शोध कर रहे हैं। अगर बालकृष्ण का यह दावा सही होता है तो भारत समेत पूरी दुनिया के लिए यह बड़ी राहत की बात होगी।यही नहीं भारत और आयुर्वेद का डंका भी पूरी दुनिया में बजने लगेगा। अभी तक पूरी दुनिया में 77.39 लाख लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 4.28 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है। सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अब भारत ही ऐसा देश है, जहां संक्रमण फैलने और इससे मरने वालों की रफ्तार सबसे तेज है।