नई दिल्ली(लाइवभारत24)। कोरोना महामारी में लॉकडाउन की वजह से यूपी बिहार समेत कई राज्यों में प्रवासी श्रमिकों की वापसी हुई थी, जिसके बाद वहां कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ गए थे। हालांकि, अब जब मजदूरों की वापसी की रफ्तार कम हुई है तो फिर कोरोना के मामले कम होने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश में अप्रैल के मध्य से तकरीबन तीस लाख श्रमिक वापस लौटे हैं। इसके बाद पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई थी। वापसी के बाद कुल श्रमिकों के आधे श्रमिकों की स्क्रीनिंग की गई थी। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग का डाटा दिखाता है कि जून के पहले सप्ताह में औसतन 412 कोरोना के नए मामले सामने आए। दूसरे सप्ताह में यह घटकर 356 मामले रोजाना हो गए।
विभिन्न राज्यों ने घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को 21 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा था। अधिकारियों का कहना है कि मामलों में कमी इसलिए आई क्योंकि जून के पहले और दूसरे सप्ताह में श्रमिक पहले की तुलना में कम वापस आ रहे हैं।
बिहार के स्वास्थ्य सचिव, लोकेश कुमार सिंह ने कहा, ‘श्रमिकों की वापसी का पीक अब खत्म हो चुका है।’ बिहार में एक जून को 3923 मामले थे, जोकि 15 जून को बढ़कर 6581 हो गए। सिंह ने कहा कि हालांकि, संख्या में बढ़ोतरी हुई है लेकिन पहले के मुकाबले गति काफी धीमी है। जून के पहले हफ्ते में 12 फीसदी की रफ्तार से मामलों में तेजी आई तो दूसरे सप्ताह यह घटकर 10.81 फीसदी हो गया।
बिहार के जनसंपर्क विभाग के अनुसार, तकरीबन 21 लाख श्रमिक एक मई के बाद राज्य वापस लौटे हैं। एक मई से ही केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया था। इसमें जून के पहले और दूसरे हफ्ते में ढाई लाख लोग वापस राज्य को लौटे। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव, अमित मोहन प्रसाद ने कहा, ”शनिवार और रविवार को 500 से अधिक मामले सामने आए क्योंकि टेस्टिंग रिपोर्ट लंबित थी।’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों ने 16 लाख प्रवासियों की जांच की थी, जो 14 जून तक होम क्वारंटाइन थे और उनमें से केवल 1,455 लोगों में बीमारी के लक्षण थे। इसके अलावा, झारखंड में एक जून से शुरू हुए अनलॉक 1 के दौरान कुछ राहत देखी गई। कोरोना वायरस के मामलों में कमी आई। माना जा रहा है कि श्रमिकों की वापसी होने के बाद इन मामलों में कमी आने लगी। राज्य में आठ जून को सबसे ज्यादा 187 मामले सामने आए थे। इसके बाद पिछले चार दिनों में औसतन 50 मामले सामने आ रहे हैं। 31 मई को झारखंड में कुल 610 कोरोना के केस थे, जोकि 15 जून तक 1151 तक पहुंच गए।
मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां भी दूसरे राज्यों से प्रवासी श्रमिकों की वापसी हुई है। शुरुआत के समय में मध्य प्रदेश में काफी तेजी से कोरोना के मामले बढ़े लेकिन बाद में सरकार ने उनपर काबू पा लिया। मई के आखिरी हफ्ते में 1424 मामले सामने आए, जोकि जून के दूसरे सप्ताह में घटकर 1401 हो गए।