नई दिल्ली (लाइवभारत24)। 19 सितंबर 2008 की बाटला हाउस में सुबह एनकाउंटर हुआ था। मानवाधिकार संगठनों ने इसे फेक बताया था। बाद में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट दे दी थी। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोमवार को बहुचर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर से जुड़े एक मामले में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) के आतंकी आरिज खान को दोषी करार दिया है। कोर्ट में अब 15 मार्च को आरिज की सजा पर बहस होगी। कोर्ट ने आरिज खान को धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है। दिल्ली में साल 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद आरिज भाग गया था, 2018 में उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के बाटला हाउस में 19 सितंबर 2008 की सुबह एनकाउंटर हुआ था। उससे ठीक एक हफ्ता पहले 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में 5 जगहों पर ब्लास्ट हुए थे। तीन जिंदा बम भी मिले थे। 50 मिनट में हुए इन पांच धमाकों में 30 लोग मारे गए थे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल धमाकों की जांच कर रही थी, तब वह बाटला हाउस में एल-18 नंबर की इमारत की तीसरी मंजिल पर पहुंच गई थी। वहां इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकियों से मुठभेड़ हुई। मरने वाले दो संदिग्ध आजमगढ़ के थे। दो गिरफ्तार हुए थे। एक फरार हो गया था। इस एनकाउंटर में टीम का नेतृत्व कर रहे मोहन चंद्र शर्मा को तीन गोलियां लगी थीं और उसी दिन उनकी होली फैमिली अस्पताल में मौत हो गई थी। इस दौरान मानवाधिकार संगठनों ने बाटला हाउस एनकाउंटर को फेक बताया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच के आदेश भी दिए थे। दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट मिली थी। 2013 में अदालत ने शर्मा की हत्या के आरोप में शहजाद अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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