लखनऊ (लाइवभारत24)। आजकल नींद की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है। इसका सीधा संबंध हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों से है। नींद की कमी से जूझ रहे लोगों में बेचैनी और डिप्रेशन की शिकायत सबसे ज्यादा पाई जाती है। यहां तक कि एक घंटे की कम नींद भी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है।

जर्नल एल्सवियर में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, पर्याप्त नींद न लेने वाले लोगों में आत्महत्या करने के विचार अधिक आते हैं। ऐसे लोगों में आत्महत्या की दर भी अधिक पाई गई है। जानिए, रोजाना 7-8 घंटे की नींद न लेने पर सेहत के लिए किस तरह का खतरा बढ़ता है।

दिल: नींद 1 घंटा कम तो दिल को खतरा
यदि व्यक्ति नींद के लिए तय समय से एक घंटा कम सोता है तो अगले दिन हार्ट अटैक का खतरा 24 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। जर्नल ओपेन हार्ट के मुताबिक, हार्ट अटैक के लिए भर्ती 42,000 से अधिक लोगों पर यह अध्ययन किया गया।

उम्र: केवल 4 घंटे सोए तो बुढ़ापा जल्दी
जर्नल जामा में पब्लिश एक अध्ययन में पाया गया कि एक स्वस्थ व्यक्ति भी यदि केवल चार रात, 4 घंटे की नींद सोता है तो उसका टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का स्तर उससे 10 साल बड़े व्यक्ति के बराबर हो जाता है। यानी हार्मोन्स के आधार पर वह 10 वर्ष अधिक उम्रदराज हो जाता है यानी कम नींद से एजिंग बढ़ती है।

एंटीबॉडी: 50 फीसदी कम बनती है
जर्नल स्लीप हेल्थ में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, कोई वैक्सीन लेने के एक सप्ताह पहले तक पर्याप्त नींद नहीं लेता है तो वैक्सीनेशन के बाद शरीर में केवल 50 प्रतिशत एंटीबॉडी ही बनती हैं। कोविड वैक्सीन पर इसके असर पर अध्ययन चल रहा है।

दिमाग: 6 घंटे से कम नींद तो अल्जाइमर
सेंटर फॉर ह्यूमन स्लीप साइंस के मुताबिक, रोजाना 6 घंटे या उससे कम नींद लेने वाले इंसोम्निया (अनिद्रा) और स्लीप एप्निया से पीड़ित लोगों में मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी अल्जाइमर का खतरा काफी अधिक होता है।

इम्यूनिटी: फ्लू का खतरा तीन गुना
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, प्रतिदिन सात घंटे से कम नींद लेने वाले व्यक्ति में सामान्य सर्दी-जुकाम होने का खतरा 3 गुना अधिक होता है। हालांकि, कोविड के मामलों में कम नींद किस तरह खतरनाक हो सकती है, इसकी रिसर्च शुरुआती अवस्था में है।

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