लखनऊ (लाइवभारत24)। कोविड-19 महामारी ने हमें सीखा दिया है कि किसी भी मात्रा में अनिश्चितता हमारे व्‍यक्तिगत, पेशेवर और वित्‍तीय लक्ष्‍यों को लेकर पीछे धकेल सकती है। हम चाहे जितना भी सोच-विचार करके अपने जीवन के लिए योजनाएं बना लें, लेकिन संकट की स्थिति में अच्‍छे से अच्‍छे प्‍लान्‍स भी तहस-नहस हो सकते हैं। किफायती मेडिकल इंश्‍योरेंस एवं स्‍वास्‍थ्‍य सेवा को लेकर बढ़ती चिंताओं के अलावा, अधिकांश लोगों के लिए वित्‍तीय स्थिरता को बनाये रखना उनकी सर्वोच्‍च प्राथमिकता रही है। इस मामले में, मिलेनियल्‍स को उनके जीवन काल में काफी पहले ही इस महामारी रूपी संकट का सामना करना पड़ा है। जिन लोगों की नौकरी चली गयी और वो जो इस साल अपने वित्तीय लक्ष्यों तक नहीं पहुंच पाए हैं, उनके लिए महामारी वेकअप कॉल है। इसने इन्हे अधिक सुरक्षित भविष्य के लिए अपनी बचत और निवेश की बेहतर योजना बनाने के लिए बाध्‍य किया है। मिलेनियल्स और पेशेवर युवा अब अपने जीवन में बहुत पहले अपनी वित्तीय संपत्ति बनाने के बारे में सोच रहे हैं, ताकि दुनिया की अनिश्चितताओं के बीच स्‍वयं को संभाले रख सकें। वर्क फ्रॉम होम भी लगभग एक स्थायी स्थिति बनने जा रहा है, इसलिए पहला घर या अधिक बड़ा घर खरीदना, अधिकांश मिलेनियल्‍स के लिए एक व्यावहारिक विकल्प बन गया है। हालांकि, घर खरीदना एक बोझिल प्रक्रिया है। इसके लिए थोड़े से विचार, वित्तीय अनुशासन और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। इसलिए, यह सलाह है कि कम उम्र में ही घर का मालिक बनने के लिए जल्द से जल्द योजना बनाना और धन जमा करना शुरू कर दें। मनीष शाह, प्रबंध निदेशक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस ,के अनुसार,

25-35 वर्ष की उम्र में अपना ड्रीम होम खरीदने के कई अनिवार्य कारण मौजूद हैं:

  • – रियल एस्टेट उद्योग ने पहली बार घर खरीदारों के लिए कई और प्रस्तावों और योजनाओं के साथ इस आपदा को अवसर के रूप में लाभ उठाते हुए मजबूत वापसी की है। छोटे आकार वाले और सस्‍ते घरों के लिए पहले से कहीं अधिक विकल्प हैं।
  • – अधिकांश वित्तीय संस्थान और ऋणदाता बहुत प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर होम लोन की पेशकश कर रहे हैं – इतनी कम ब्‍याज दर पिछले कई दशकों में नहीं रही। इनके साथ-साथ कई ऐसे बेहतरीन उत्पाद उपलब्‍ध हैं जिनके लिए लोन चुकाने हेतु अधिक लचीले विकल्‍प मौजूद हैं; इस प्रकार, घर खरीदना कम थकाऊ और अधिक किफायती प्रक्रिया बन रहा है। हाल के स्टाम्प शुल्क कटौती और कर लाभ ऐसे अन्‍य कारण हैं जो हाल के दिनों में घर खरीदना अधिक आकर्षक बनाते हैं।
  • – रेंटल्‍स आमतौर पर संपत्ति के मूल्य के 2-3 प्रतिशतपर लिये जाते हैं जबकि होम लोन की दरें लगभग 7 प्रतिशत हैं। 2-3 साल पहले तक यह अंतर 6 प्रतिशत से अधिक हुआ करता था। शुद्ध गणितीय शब्दों में, अब भी, अपार्टमेंट किराए पर लेना खरीदने से बेहतर है यदि संपत्ति का मूल्‍य औसतन 5 प्रतिशत प्रति वर्ष से कम बढ़ता है। हालांकि, अगर जड़ें जमाना प्राथमिकता है और अपार्टमेंट का रिसेल वैल्‍यू बहुत मायने नहीं रखता है, तो यह प्रोपर्टी खरीदने के लिए दो दशकों का सबसे अच्छा समय है। प्रोपर्टी की कीमतों में कमी, बढ़ती आय (धीरे-धीरे) और भारत में अब तक देखी गई सबसे कम ब्याज दरों ने इसे खरीदने का अच्छा समय बना दिया है।
  • – कुछ वित्तीय ऋणदाता अधिकतम 25 वर्ष की अवधि के लिए ऋण प्रदान करते हैं जबकि अन्य 30 वर्ष तक की अवधि के लिए देते हैं। समयावधि जितनी लंबी होगी, मासिक किस्तें उतनी ही कम की होंगी। यदि आपकी उम्र 25 या 30 वर्ष है, तो आप लंबी अवधि के ऋण पर विचार कर सकते हैं जिससे आपको कम ईएमआई का भुगतान करना होगा और आपकी खरीदारी अधिक किफायती हो सकेगी। स्वामित्व की कुल लागत ऋण अवधि में वृद्धि के साथ बढ़ती है, लेकिन यह दुविधा की स्थिति है जिसके लिए सावधानीपूर्वक विचार करना होगा।
  • – जो लोग अधिकसमय तक रहने के इरादे से घर खरीदना चाहते हैं, उनके लिए यह जान लेना अच्छा होगा कि क्या शुरू में कम ईएमआई के साथ ऋण चुकाने और ऋण की अवधि में धीरे-धीरे इस राशि में वृद्धि का विकल्प मौजूद है।इससे आप अपने वर्तमान सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुए कल की जरूरतों के लिए पर्याप्त रूप से बड़ा घर खरीद सकते हैं।
  • – बैंक द्वारा पेशकश की गई सबवेंशन योजना के मामले में, पजेशन (कब्‍जा) न मिलने तक ईएमआई के भुगतान से राहत मिल सकती है। हालांकि कोई भी ईएमआई प्रारंभिक सामर्थ्य में सहायक नहीं है, लेकिन क्‍या आप लंबी अवधि में अधिक राशि चुकाने के इच्‍छुक हैं? स्वामित्व की कुल लागत और मासिक आउटफ्लो के बीच सही संतुलन बिठाना महत्वपूर्ण है।

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