हाथरस (लाइवभारत24)। यूपी के हाथरस में युवती के साथ कथित गैंगरेप की वारदात को एक महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है। सरकार के निर्देश पर 3 सदस्यीय एसआईटी जांच कर चुकी है। अब सीबीआई की जांच जारी है। इस बीच, 14 सितंबर को जिस बाजरे के खेत में वारदात हुई थी, उसके मालिक ने योगी सरकार से 50 हजार रुपए का मुआवजा मांगा है। खेत मालिक का कहना है कि इस घटना के बाद उसकी बाजरे की फसल में पुलिस ने पानी नहीं लगाने दिया। किसान ने कहा कि पुलिस काफी दिन तक सबूत होने की बात कहती रही, जिससे फसल की सिंचाई नहीं हो पाई। अब सीबीआई ने कहा है कि फसल काट सकते हो, लेकिन फसल टूट गई है। कम से कम 50 हजार का नुकसान हुआ है, लिहाजा मुआवजा दिया जाए।
खेत मालिक सोम सिंह ने बताया कि वह जयपुर में नौकरी करता है, लेकिन कोरोना की वजह से गांव लौट आया था। 9 बीघे के खेत में बाजरा लगाया था। घटना के बाद पुलिस ने सबूत जुटाने की बात कहकर मेरी मां को पानी लगाने से मना कर दिया। कहा गया कि यदि फसल की सिंचाई की गई तो सबूत खत्म हो जाएंगे। इसलिए समय पर सिंचाई नहीं हो सकी, जिससे फसल में दाना नहीं बना। हमारी 6 महीने की फसल है, लेकिन इस घटना के बाद मेहनत बेकार हो गई। हम खेती और पशुओं के भरोसे ही जीवनयापन रहते हैं। ऐसे में हमें नुकसान हुआ है। हमारी सरकार मदद करे। सोम सिंह का छोटा भाई विक्रम उर्फ छोटू 14 सितंबर को हुई घटना का चश्मदीद भी है। उससे सीबीआई अब तक दो बार पूछताछ कर चुकी है। उसने सीबीआई टीम को बताया कि जिस खेत में लड़की मिली थी, वह उसका ही है। उसका कहना था कि घटना वाले दिन वह खेत में चारा काट रहा था, तभी चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी। मौके पर पहुंचा तो लड़की खेत में पड़ी थी। उसका भाई और मां खड़े हुए थे।
एससी/एसटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज होने पर पीड़ित के परिवार को पहली किस्त में 4 लाख 12 हजार 500 रुपए दिए गए। इसके बाद दूसरी किस्त में 5 लाख 87 हजार 500 रुपए दिए गए। बाद में सरकार की तरफ से भी 15 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया गया था। परिवार के एक सदस्य को नौकरी और हाथरस में घर का आश्वासन दिया था।

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