लखनऊ (लाइव भारत 24)। मानव संसाधन विकास केंद्र एचआरडीसी, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के तत्वावधान में भाषा विभाग ने 6 फरवरी, 2024 को “पर्यावरण, धर्म और संस्कृति” विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। समारोह की शुरुआत पुष्प स्वागत के साथ हुई अधिकारियों और अतिथियों के स्वागत के बाद प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और श्री दानिश आज़ाद अंसारी, माननीय राज्य मंत्री (अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज) यूपी सरकार के शुभ हाथों से दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
उद्घाटन सत्र को माननीय राज्य मंत्री श्री दानिश आज़ाद अंसारी की प्रेरक प्रस्तुतियों से चिह्नित किया गया। उन्होंने एक प्रगतिशील राष्ट्र में युवाओं की भूमिका और भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता पर चर्चा की जो हमारी संस्कृति में रंग, स्वाद और बनावट जोड़ती है, जिससे हमारे देश में एकता और एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने जातीयता और राष्ट्रीयता के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों को एक साथ लाने में बहु-सांस्कृतिक शैक्षणिक प्रदर्शन और उत्कृष्टता की दिशा में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के प्रयासों की सराहना की।
प्रोफेसर एच.एम. आरिफ भाषा विभाग के अध्यक्ष ने सम्मेलन में उपस्थित सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत भाषण दिया। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर हारिस सिद्दीकी ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत और समकालीन परिवेश में चर्चा के विषय की प्रासंगिकता के प्रति अपना आभार और अपार आभार व्यक्त किया।
इसके बाद इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत के आकर्षक और स्फूर्तिदायक शब्दों से बातचीत आगे बढ़ी, जिन्होंने सतत विकास के महत्व और एक प्रगतिशील समाज के विकास में पर्यावरण, संस्कृति और धर्म की परस्पर क्रिया पर प्रकाश डाला।
प्रेरणा और बौद्धिक प्रशंसा के माहौल को आगे बढ़ाते हुए, सम्मेलन की शुरुआत प्रो. एस.डब्ल्यू. अख्तर, संस्थापक और चांसलर, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने की। उन्होंने सतत विकास की शुरुआत में सामाजिक और राजनीतिक न्याय के महत्व और हमारी विविध संस्कृतियों और समुदायों के लिए सद्भाव के स्रोत के रूप में इसकी भूमिका पर जोर दिया।
विश्वविद्यालय के विकास और प्रगति में उत्कृष्ट योगदान के लिए इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की चांसलर मैडम अजरा वसीम को दिए गए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ के सम्मान के साथ समारोह आगे बढ़ा।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिष्ठित साहित्यकारों जैसे प्रोफेसर एलिजाबेथ मैरिनो, एसोसिएट प्रोफेसर, रोम विश्वविद्यालय “टोर वर्गाटा”, प्रोफेसर निशी पांडे, प्रोफेसर ऑफ एमिनेंस, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, प्रोफेसर संदीप कुमार, प्रोफेसर के बीच एक ज्ञानवर्धक पैनल चर्चा के साथ हुई। , बी.एच.यू., वाराणसी, प्रो. मनोजीत मंडल, प्रोफेसर, जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, प्रो. नीलाद्री रंजन चटर्जी, प्रोफेसर, कल्याणी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल, प्रो. आर.पी. सिंह, प्रोफेसर, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, प्रो. पीसी प्रधान, प्रोफेसर, बीएचयू, वाराणसी।
कार्यक्रम का समापन भाषा विभाग के छात्रों द्वारा आयोजित एक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम “शाम-ए-अदब” के साथ हुआ, जिसमें छात्रों और संकाय सदस्यों द्वारा विभिन्न कथाओं के माध्यम से साहित्य के बहु-सांस्कृतिक प्रतिबिंब को चित्रित किया गया। सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन भाषा विभाग की संयोजक डॉ. अरीना नाज़नीन और सुश्री वान्या श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

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