लखनऊ(लाइवभारत24)। एमस्‍वाइप ने इक्विफैक्‍स के साथ भागीदारी में उद्योग में प्रथम हाइब्रिड क्रेडिट स्‍कोर की घोषणा की है। इससे बैंकों, वित्‍तीय संस्‍थानों और गैर-बैंक फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) की ऋण समाधानों के‍ लिये सूक्ष्‍म, लघु और मँझोले उद्यमों (एमएसएमई) तक पहुँच बेहतर होगी। यह स्‍कोर पारंपरिक रूप से उपलब्‍ध जनसांख्यिकी डाटा और क्रेडिट ब्‍यूरो रेटिंग के अलावा विश्‍वसनीय वैकल्पिक डेटा, जैसे कि लेन-देन की चर राशियों, व्‍यापारियों के ग्राहकों के प्रोफाइल, निष्‍ठा आधार और भुगतान सम्‍बंधी अन्‍य मापदंडों का एक उत्तम पटल प्रदान है। यह नया टूल एमएसएमई की ऋण पात्रता के मूल्‍यांकन को ज्‍यादा आसान बनाएगा और जोखिमों के बीच अंतर करने का मौका देगा, जिससे ऋण समाधानों के बेहतरीन मूल्‍य-निर्धारण की संभावनाएं खुलेंगी।एमस्‍वाइप एमएसएमई के लिये नए स्‍कोर के साथ ऋण प्राप्ति को ज्‍यादा आसान बनाने के अलावा पीओएस ऋणों के दैनिक निपटान के माध्‍यम से रिटेलरों को सबसे वहन करने योग्‍य ऋण पुनर्भुगतान सुविधा भी प्रदान कर रहा है। भारत के 95 प्रतिशत व्‍यवसाय एमएसएमई की श्रेणी में आते हैं, लेकिन उन्‍हें पारंपरिक ऋणदाताओं से ऋण लेने में आमतौर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एमएसएमई की नियमित बैंकिंग आदतों, वित्तीय एवं आय विवरणों के अभाव के कारण बैंकों और एनबीएफसी के सामने क्रेडिट लाइन्स या ऋण प्रदान करने के लिए उनकी ऋण परीक्षण क्षमता सीमित हो जाती है, क्योंकि वे निर्णय प्रक्रिया के लिए काफी ज्यादा जनसांख्यिकी आंकड़ों या ब्यूरो के पदचिन्ह पर भरोसा करते हैं। अमित मांडे, हेड- लेंडिंग बिजनेस, एमस्‍वाइप ने कहा कि, “हमने जोखिमों के बीच अंतर करने और बैंकों तथा एनबीएफसी के फैसलों में शीघ्रता लाने और ऋण समाधानों के लिये जोखिम-आधारित मूल्‍य-निर्धारण की पेशकश करने के लिये एक अत्‍यंत शक्तिशाली टूल बनाया है। यह क्रेडिट स्‍कोर हमारे ऋण भागीदारों को एमएसएमई को त्‍वरित और वहन करने योग्‍य तरीके से लोन, अधिकतम ऋण सीमा, पीओएस पर लोन जैसे ऋण उत्‍पाद देने की एमस्‍वाइप की योग्‍यता का विस्‍तार करता है।”

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