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ओके क्रेडिट ने छोटे और मध्यम कारोबारियों को लंबित बकाया वसूलने में मदद करने के लिए शुरू किया”#उधार अभी बाकी है” अभियान

अभियान के तहत ग्राहकों से छोटे कारोबारियों और दुकानदारों को वित्तीय संकट से उबारने में मदद करने के लिए अपना बकाया भुगतान करने का आग्रह किया गया है

नई दिल्ली(लाइवभारत24)। भारत कोविड -19 महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से धीरे-धीरे बाहर आ रहा है और देश के अधिकांश हिस्सों में कारोबार सुरक्षित रूप से फिर से खुलने की तैयारी में हैं। ऐसे समय में ओकेक्रेडिट ने छोटे व मध्यम कारोबारियों की मदद के लिए #उधार अभी बाकी है के रूप में डिजिटल अभियान शुरू किया है। इससे इन कारोबारियों को गंभीर नकदी संकट से उबरने में मदद मिलेगी। इस डिजिटल अभियान के तहत छोटे और बड़े दोनों तरह के ग्राहकों से आग्रह किया गया है और उन्हें प्रोत्साहित किया गया है कि वे छोटे कारोबारियों और दुकानदारों को वित्तीय संकट से उबारने में मदद करने के लिए अपने बकाया का भुगतान करें।

भारत में असंगठित रिटेल क्रेडिट पर चलता है। इससे खरीदारों को जब चाहे खरीदारी करने की सुविधा मिलती है और कारोबारियों के लिए यह ग्राहकों को प्रभावी तरीके से अपने साथ जोड़ने का माध्यम है।

#उधार अभी बाकी है अभियान को इस आधार पर तैयार किया गया है कि छोटे और मध्यम कारोबार मालिकों / नजदीकी किराना स्टोर ने कोविड महामारी के दौरान लोगों की मदद में एक स्तंभ की तरह काम किया है। संक्रमित होने के डर के बावजूद उन्होंने न केवल आसपास के लोगों को दैनिक जरूरत की वस्तुओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की, बल्कि उन संकटग्रस्त परिवारों को उधार पर सामान भी दिया, जिन्हें आजीविका जाने के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था।

यह अभियान संदेश देता है कि पड़ोस के किराना स्टोर/छोटे कारोबारियों ने समय पर अपना योगदान दिया है और अब वक्त आ गया है कि हम इस नकदी के संकट में उनकी मदद के लिए कुछ करें। यह ओकेक्रेडिट के माध्यम से छोटे और मध्यम कारोबार मालिकों/ पड़ोस के किराना स्टोर का बकाया चुकाने का आह्वान करता है, क्योंकि यह स्थिति को बदलने की दिशा में अच्छी शुरुआत हो सकती है और इससे छोटे खुदरा विक्रेता फिर उसी जोश, ऊर्जा और समर्पण के साथ हमारी सेवा करने में सक्षम हो सकेंगे।

अभियान को लेकर विचार साझा करते हुए ओकेक्रेडिट के एसोसिएट डायरेक्टर-ग्रोथ आयुष जैनने कहा, ‘ऐसे समय में जबकि मांग कम है, छोटे कारोबारियों को बकाया उधारी का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ा है, जिससे उनका नकदी प्रवाह और आय प्रभावित हुई है। ओकेक्रेडिट के प्लेटफॉर्म पर छोटे कारोबारियों द्वारा लेनदेन की संख्या में खतरनाक गिरावट से यह बात स्पष्ट है।#उधार अभी बाकी हैअभियान ओकेक्रेडिट की ओर से एक प्रयास है, जिसमें लोगों से छोटे व्यवसाय के मालिकों, स्थानीय दुकानदारोंऔर किराना स्टोर का बकाया चुकाकर इस वित्तीय संकट के दौर में उनकी मदद की अपील की गई है।‘

पिछले सालअचानक हुए लॉकडाउन के कारण कारोबारियों की बड़ी उधारी फंस गई थी, जिससे उनकी नकदी कम हुई और वे दिवालिया होने के कगार पर आ गए। इस साल, हालांकि, लॉकडाउन की पहले से जानकारी मिल जाने के कारण कारोबारियों के पास तैयारी के लिए समय था और स्थिति थोड़ी बेहतर है।

अग्रणी मार्केट रिसर्च फर्म नीलसन के अनुसार, भारत में लगभग 1.2 करोड़ किराना स्टोर और 10 लाख से अधिक थोक विक्रेता हैं। परिवार एवं परिचित जैसे कारकों के चलते ये खुदरा विक्रेता अपने पड़ोस में प्रासंगिक बने हुए हैं। लॉकडाउन के बाद इन्हें स्टॉक की अनुपलब्धता का सामना करना पड़ रहा है और साथ ही नकदी की कमी के कारण कंपनी डिस्ट्रीब्यूटर्स से आपूर्ति पाने में भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

हिंदी में लॉन्च किया गया #उधार अभी बाकी है अभियान ओकेक्रेडिट के सोशल नेटवर्क पर उपलब्ध है

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