धर्मांतरण कर शादी के लिए एक महीने पहले डीएम के यहां देना होगा प्रस्ताव

लखनऊ (लाइवभारत24)। एमपी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी लव जिहाद को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी है। गृह विभाग ने न्याय व विधि विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। कानून बनने के बाद गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा और 5 साल की कठोरतम सजा हेगी। कानपुर, बागपत, मेरठ समेत यूपी के कई शहरों से लगातार मिल रही लव जिहाद की घटनाओं के बाद सीएम योगी ने गृह विभाग से समीक्षा रिपोर्ट मांगी थी। विधि विभाग की समीक्षा के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
यूपी के लॉ कमीशन चीफ जस्टिस आदित्य नाथ मित्तल ने बताया कि भारतीय संविधान ने धर्म का प्रयोग करने की स्वतंत्रता दी है, लेकिन कुछ एजेंसियां इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रही हैं। वे लोगों को शादी, बेहतर नौकरी और जीवन शैली के बहाने धर्म परिवर्तन करने का लालच देते हैं। हमारे द्वारा 2019 में ही ड्राफ्ट सौंप दिया गया था। लेकिन तब से इसमें तीन बार फेरबदल किया गया। आखिरी में सजा का प्राविधान किया गया।

ड्राफ्ट में इसके साथ ही शादी के लिए गलत नीयत से धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन के लिए की जा रही शादियां भी नए नियम में धर्मांतरण कानून के तहत आएंगी। वहीं अगर कोई किसी को धर्म परिवर्तन करने के लिए मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देता है, तो वो भी इस नए कानून के दायरे में आएगा। लॉ कमीशन के इस नए ड्राफ्ट में कड़े कानून की अनुशंसा की गई है। धर्मांतरण के मामले में अगर माता-पिता, भाई-बहन या अन्य ब्लड रिलेशन से कोई शिकायत करता है तो उनकी शिकायत पर कार्रवाई की शुरुआत की जा सकती है। लॉ कमीशन ने अपनी सिफारिश में धर्मांतरण के लिए दोषी पाए जाने पर एक साल से लेकर पांच साल तक की सजा का प्रावधान किया है।

लव जिहाद कानून लाए जाने के बाद गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 5 साल की कठोरतम सजा दी जाएगी। लव जिहाद जैसे मामलों में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा और उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी। शादी के लिए धर्मांतरण कराने वालों को भी सजा देने का प्रावधान इस कानून में रहेगा। कानून में यह भी प्रावधान होगा कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन शादी के लिए करना चाहता है तो उसे एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन देना होगा। धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के यहां यह आवेदन देना अनिवार्य होगा। वहीं, बिना आवेदन के अगर धर्मांतरण किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि फिलहाल देश के 8 राज्यों में धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने वाले कानून हैं। इसमें अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड का नाम शामिल है। बता दें कि सबसे पहले ओडिशा ने 1967 में यह कानून बनाया था। फिर दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश (1968) इस कानून को लेकर आया था। अब जल्द यूपी 9वां ऐसा राज्य बन सकता है।

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